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हॉस्टल में कैद कश्मीरी लड़कियों की खबर को उत्तराखंड पुलिस ने बताया अफवाह, छात्रों से भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की

पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस ने राज्य में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की.

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ruchika sharma
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हॉस्टल में कैद कश्मीरी लड़कियों की खबर को उत्तराखंड पुलिस ने बताया अफवाह, छात्रों से भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की

उत्तराखंड के एडीजी अशोक कुमार (फोटो-ANI)

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पुलवामा में सीआरपीएफ हमले पर हुए काफिले के बाद पूरा देश रोष में है. उत्तराखंड से एक मामले सामने आया, जिसमें कहा गया कि कश्मीरी लड़कियों को हॉस्टल में कैद करके रखा गया है. दरअसल, ऐसी खबर सामने आई थी कि पुलवामा हमले के बाद लड़कियों ने पाकिस्तान के समर्थन में लगाए थे, जिसके बाद उन्हें हॉस्टल में बंद कर दिया था. उस वक़्त वहां मौजूद पुलिस भी लोगों को काबू नहीं कर पाई थी. हालांकि, पुलिस ने इसे फेक न्यूज करार करते हुए एक ट्वीट किया. उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट किया, 'कुछ लोग अफवाह फैला रहे है कि देहरादून के हॉस्टल में गुस्से भीड़ के कारण 15-20 लड़कियां फंसी हुई है. पुलिस मौके पर मौजूद है लेकिन भीड़ को हटा नहीं पा रही.' आगे लिखा गया है कि, 'यह सच नहीं है. पुलिस ने इस मामले को हल कर लिया है. शुरुआत में कश्मीरी लड़कियों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने को लेकर भ्रम था.' अब मामले को सुलझा लिया गया है. आईपीएस डी.रुपा ने उत्तराखंड पुलिस का ट्वीट रीट्वीट किया. 

उत्तराखंड के एडीजी अशोक कुमार ने कहा, 'सोशल मीडिया पर छात्रों के हॉस्टल में फंसे होने की अफवाह फैलाई जा रही थी. पुलवामा हमले के बाद स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाकर जुलूस निकाला.'

उन्होंने कहा, 'ऐसा कहा गया कि हॉस्टल में लोगों ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए. हमारे पास इससे सम्बन्धित कोई प्रूफ नहीं है. पुलिस को ये सूचना मिली . हमने तुरंत इस मामले का संज्ञान लेते हुए इसे सुलझाया.'

इसके साथ ही पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस ने राज्य में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ने वाले राज्य के छात्रों की सुरक्षा की शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में समीक्षा की थी.

और पढ़ें: केटीआर ने CRPF के दक्षिणी मुख्यालय में पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि दी

बता दें कि जम्मू -कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखेर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. 

Source : News Nation Bureau

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