जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक शुक्रवार को शीर्ष सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने वाले हैं. इस बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा होगी की जम्मू-कश्मीर में आत्मघाती हमला कैसे हुआ और कहां चूक रह गई? सत्यपाल मलिक ने कहा, 'मैं शहीद जवानों के श्रद्धांजलि समारोह के लिए कश्मीर रवाना हो रहा हूं. गृहमंत्रा राजनाथ सिंह भी आ रहे हैं. हमलोग इस घटना की समीक्षा के लिए शीर्ष अधिकारी और ख़ुफ़िया अधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं, जहां यह जानने की कोशिश की जाएगी की आख़िर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?'
वहीं पाकिस्तान द्वारा इस आतंकी घटना में किसी तरह की संलिप्तता की बात को नकारने को लेकर राज्यपाल ने कहा कि 'पाकिस्तान बक़वास कर रहा है. आतंकी पाकिस्तान में रैली कर रहे हैं और खुलेआम कह रहे हैं कि हमलोग आनेवाले समय में कुछ करेंगे और भारत को सबक सिखाएंगे.'
मलिक ने कहा, 'कश्मीर घाटी में हाल ही में संपन्न हुए शांतिपूर्ण पंचायती चुनाव, नए आतंकियों की भर्ती में आई कमी, कम होती पत्थरबाजी की घटना आदि से पाकिस्तान कुंठाग्रस्त हो गया है और हताशा में इस तरह की आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहा है. हमने सभी अधिष्ठापनों और छावनियों को आगे के लिए अलर्ट पर रहने को कहा है क्योंकि पाकिस्तान और कुछ करने की भी सोच रहा होगा.'
ज़ाहिर है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले में 42 जवानों की शहादत के बाद बार बार सवाल खड़े हो रहे हैं कि आख़िर इतनी बड़ी घटना कैसे घटित हो गई. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी माना कि निश्चित रुप से कहीं चूक हुई है. उन्होंने एक टीवी चैनल को फोनिक इंटरव्यू के दौरान सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक साथ 2500 सीआरपीएफ जवानों के काफिले को निकलने की इजाज़त कैसे दी गई?
गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद (JEM) ने इस आतंकी घटना की ज़िम्मेदारी ली है जिसे पाकिस्तान वित्तीय मदद देता है. हालांकि पाकिस्तान इस आतंकी घटना में अपनी संलिप्तता की बात से इनकार कर रहा है. पाकिस्तान ने कहा है कि 'हम बिना किसी जांच के हमले का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के भारतीय मीडिया और सरकार के किसी भी आक्षेप को खारिज करते है.' पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में कहा कि कश्मीर के पुलवामा में हमला 'एक गंभीर चिंता का विषय है.'
बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ने दुनिया के किसी भी हिस्से में हिंसा की कार्रवाई की हमेशा निंदा की है. उसने कहा, 'हम बिना किसी जांच के हमले का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के भारतीय मीडिया और सरकार के किसी भी आक्षेप को खारिज करते हैं.'
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वह किसी भी रूप में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है. शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने कहा, 'भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले की अमेरिका कड़े शब्दों में निंदा करता है.'
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस जघन्य कृत्य की जिम्मेदारी ली है. हम सभी देशों से आह्वान करते हैं कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करें ताकि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह और समर्थन देने से बचा जा सके.'
बता दें कि गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में जैश के एक आत्मघाती हमलावर ने पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 42 जवान शहीद हुए हैं.
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पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस नृशंस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो जारी किया है जिसे हमले से पहले शूट किया गया था. हमलावर की पहचान कमांडर आदिल अहमद डार के रूप में हुई है.
Source : News Nation Bureau