Pulwama Terror Attack 14 फरवरी, 2019 दिन गुरुवार का था, दोपहर के लगभग 3:30 बज रहे होंगे सीआरपीएफ के जवानों की करीब 75 से भी ज्यादा बसें जिनमें लगभग 2500 जवान सवार थे. ये बसें जम्मू-कश्मीर के नेशनल हाइवे 44 से गुजर रहीं थीं. यह कोई पहला मौका नहीं था जब जवान ऐसे बसों में बैठ कर जा रहे हों पहले भी कई बार जवान छुट्टियों के बाद अपने घर इस तरह से जा चुके थे. इस यात्रा के दौरान जवानों के चेहरे पर घर जाने का उत्साह और खुशी साफ झलक रही थी. आपको बता दें कि इसी सड़क पर इसके दो दिन पहले आतंकियों ने एक धमाका किया था इसलिए हर कोई सतर्क भी था.
सभी गाड़ियां क्रमबद्ध तरीके से एक - दूसरे को बैकअप करते हुए जा रहीं थी कि तभी एक अंजान कार ने बसों के काफिले में से एक बस को जोरदार टक्कर मार दी जिसके बाद एक जोरदार धमाका हुआ. इस धमाके के बाद कई जवानों के मांस के लोथड़े हवा में उड़ते हुए दिखाई दिए बस के साथ जवानों का शरीर भी कई मीटर दूर छिटक कर जा गिरे. जवान कुछ समझ पाते कि क्या हुआ कैसे हुआ तभी आतंकियों ने बाकी गाड़ियों पर फायरिंग भी शुरू कर दी. इसके बाद बचे जवानों ने पोजीशन संभाली और जवाबी फायरिंग शुरू कर दी लेकिन आतंकी इस बीच भागने में सफल रहे.
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सड़क पर बिखरे थे जवानों के क्षत-विक्षत शरीर
जब धमाके का धुंआ छंटा और गोलीबारी बंद हुई तब वहां का नजारा देखकर आपका दिल बैठ जाता. सीआरपीएफ के जवान धमाके में खोए हुए अपने साथी जवानों की तलाश कर रहे थे. इस दौरान वहां का दृश्य बहुत ही भयावाह हो चुका था हर तरफ मांस के टुकड़े और खून के थक्के दिखाई दे रहे थे. थोड़ी ही देर में ये खबर मीडिया के माध्यम से पूरे देश में जंगल की आग की तरह फैल गई. इस हमले से पूरे देश गुस्से में था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो चुके थे. इसके अलावा घायल जवानों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
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आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली हमले की जिम्मेदारी
पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. आतंकियों ने विस्फोटक से भरी एक कार को जवानों की बस में टक्कर मार दी थी इस हमले को अंजाम दिया था 22 वर्षीय नौजवान आदिल डार ने आदिल महज 2 साल पहले ही इस आतंकी संगठन से जुड़ा था. उसके परिवार वालों ने उसे एक साल पहले यानि की साल 2018 में आखिरी बार देखा था. घर वालों ने बताया कि आदिल साइकिल से कहीं गया और फिर वापस लौटकर घर नहीं आया. आपको बता दें कि आदिल को पुलिस ने कई बार अलग-अलग मामलों में हिरासत में लिया था लेकिन चेतावनी देकर छोड़ दिया था.
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कामरान था हमले का मास्टरमाइंड
14 फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना ने उस इलाके को चारों तरफ से घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. सेना ने यह सर्च ऑपरेशन तब तक जारी रखा जब तक पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड को मार नहीं गिराया हमले 4 दिनों के बाद आखिरकार जवानों को सफलता मिल ही गई जब सर्च ऑपरेशन के दौरान सेना ने हमले के मास्टर माइंड को 18 फरवरी को मार गिराया. आपको बता दें कि सेना की इस कार्यवाही में 4 दिनों का समय लगा लेकिन सफलता हाथ आई.
बालाकोट एयर स्ट्राइक
सरकार ने देश के गुस्से को समझा और इसका बदला लेने के लिए बस 12 दिनों के बाद ही पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की और पाकिस्तान में स्थित बालाकोट के आतंकी कैंपों को नष्ट कर दिया. 26 फरवरी को भारतीयों की सुबह एयर स्ट्राइक की खबर के साथ हुई. सेना की प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि कैसे उसने ये एयर स्ट्राइक की. सेना ने बताया कि तड़के वायु सेना के मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर बालाकोट में स्थित आतंकी शिविरों पर हवाई हमला किया. इस हमले में आतंकी कैंपों में 200 से 300 आतंकी भारतीय सेना ने मार गिराए. सेना ने इसे पुलवामा का बदला बताया, हालांकि पाकिस्तान ने इन हमलों में किसी भी तरह के जान और माल के नुकसान होने की खबरों से इनकार किया. भारतीय वायुसेना के बालाकोट एयर स्ट्राइक ने पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना और कई देशों ने खुलकर इस कार्रवाई के लिए भारत का समर्थन किया