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Pune Car Accident: नाबालिग के पिता-दादा को अदालत ने दी जमानत, आरोपी पहले ही अवलोकन गृह से मुक्त

पुणे के पोर्शे कार हादसे में पुणे की एक अदालत ने नाबालिग आरोपी के दादा और पिता को रिहा कर दिया है. केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहले ही आरोपी को अवलोकन गृह से मुक्त कर दिया है.

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Publive Team
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Porche Car Accident

Porche Car Accident ( Photo Credit : Social Media)

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Pune Car Accident: पुणे के पोर्श कार हादसे में बड़ा अपडेट सामने आया है. पुणे की एक अदालत ने आरोपी किशोर के दादा सुरेंद्र अग्रवाल और पिता विशाल अग्रवाल को जमानत दे दी है. उन पर परिवार के ड्राइवर के अपहरण का आरोप है. पुणे के पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार ने मामले में बड़े खुलासे किए थे. उन्होंने कहा था कि नाबालिग के पिता और दादा ने अपने ड्राइवर को नकद और इनाम का लालच दिया फिर हादसे की जिम्मेदारी खुद पर लेने के लिए जोर डाला. उसने बयान भी दे दिया था कि गाड़ी वही चला रहा था. हालांकि, ड्राइवर बाद में मुकर गया था.  

नाबालिग आरोपी को हाईकोर्ट ने किया रिहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल में नाबालिग आरोपी को निगरानी गृह से रिहा कर दिया है. किशोर की चाची की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आदेश दिया था. चाची ने किशोर की रिहाई की मांग की थी। न्यायमूर्ति मंजुषा देशपांडे की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि किशोर का पालन पोषण उसकी चाची करेंगी क्योंकि, उसके माता-पिता और दादा को गिरफ्त में हैं। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह गंभीर अपराध है लेकिन हमारा हाथ कानून से बंधा हुआ है। कानून का उलंल्घन करने पर भी किसी बच्चे के साथ व्यस्कों जैसे व्यवहार हम नहीं कर सकते।

अदालत ने कहा था कि किशोर न्याय बोर्ड का फैसला कि उसे संप्रेक्षण गृह भेजा जाए यह गलत था। अदालत का कहना था कि मामला और यह फैसला किशोर न्याय बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से बाहर का था।

यह है पूरा मामला
दरअसल, मई में नाबागिल आरोपी नशे में लग्जरी पोर्श कार चला रहा था. इस दौरान उसने दो लोगों को टक्कर मार दी थी. हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी. उनकी पहचान अवनीश अवधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में हैं. दोनों पेशे से इंजीनियर थे और पार्टी करके घर जा रहे थे. आरोपी आसपास के लोगों के हत्थे चढ़ गया. उन्होंने उसकी खूब पिटाई की फिर पुलिस को सौंप दिया. आरोपी के खिलाफ पुुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया. आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने उसे सड़क हादसे पर निबंध लिखने की सजा देकर रिहा कर दिया. येरवडा पुलिस ने आरोपी के पिता और बार संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट के आदेश की जानकारी जैसे ही सामने आई तो उसकी काफी आलोचना की गई. तीखी आलोचनाओं के बाद कोर्ट ने आरोपी को अवलोकन गृह भेज दिया था.

Source : News Nation Bureau

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