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Pune Porsche Crash: नाबालिग आरोपी के पिता को सेशन कोर्ट से मिली बेल, हादसे में दो इंजीनियरों की हुई थी मौत 

पुणे की पोर्श कार हादसे में किशोर के पिता को कोर्ट ने जमानत मिल गई  है. किशोर ने 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में अपनी पोर्श गाड़ी से दो इंजीनियरों को कुचल दिया था.

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Mohit Saxena
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Porsche Accident Case

Pune Porsche crash( Photo Credit : file photo)

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पुणे की पोर्श कार हादसे में किशोर के पिता विशाल अग्रवाल को कोर्ट ने जमानत दे दी है. किशोर ने 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में अपनी पोर्श गाड़ी चलाते समय दो इंजीनियरों को कुचल दिया था. जिनकी मौके पर ही मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 21 मई को गिरफ्तार अग्रवाल को किशोर न्याय अधिनियम से संबंधित एक मामले में जमानत दे दी गई. रियलिटी फर्म ब्रह्मा ग्रुप के मालिक पर 'अभिभावक के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहने' को लेकर मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए) और किशोर न्याय अधिनियम (जेजेए) से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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मार्च में पिता ने अपने बेटे के लिए पोर्श कार खरीदी थी

पुलिस ने कार्रवाई तब की जब यह पाया गया कि इस साल मार्च में पिता ने अपने बेटे के लिए जो पोर्श कार खरीदी थी, उसका पंजीकरण नहीं किया गया था क्योंकि उन्होंने कार पर ₹44 लाख रोड टैक्स का भुगतान नहीं किया था. नाबालिग बेटे के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. मध्य प्रदेश के रहने वाले दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोस्टा की 19 मई की तड़के पुणे के कल्याणी नगर में नशे में धुत 17 वर्षीय किशोर की ओर से चलाई जा रही पोर्शे कार से टक्कर होने से मौत हो गई थी.

14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

14 जून को पुणे कोर्ट ने किशोर के माता-पिता और एक अन्य आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा. विशाल अग्रवाल, शिवानी अग्रवाल और अशपाक मकंदर को किशोर के रक्त के नमूनों को कथित तौर पर बदलने को लेकर जांच का सामना करना  पड़ रहा है ताकि यह स्थापित किया जा सके कि दुर्घटना के वक्त वह नशे की हालत में नहीं था. 

बिचौलिए के रूप में काम किया

मकंदर पर आरोप है कि अस्पताल में अग्रवाल परिवार और डॉक्टरों के बीच उसने बिचौलिए के रूप में काम किया. यहां से ऐसे मामलों में रक्त के नमूने एकत्र किए जाते हैं. ऐसा आरोप है कि किशोरी की मां शिवानी अग्रवाल के खून के नमूने को रिप्लेसमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया गया. किशोर को उसी दिन किशोर न्याय बोर्ड की ओर से जमानत दे दी गई, जिसने आदेश दिया कि उसे उसके माता-पिता और दादा की देखभाल और निगरानी में रखा जाएगा. उन्हें सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहा गया. इसके देश भर में हंगामा भड़का. पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड से जमानत आदेश में संशोधन करने की अपील की. 22 मई को, बोर्ड ने लड़के को हिरासत में लेने का आदेश दिया. उसे एक बाल सुधार गृह में भेज दिया.

Source : News Nation Bureau

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