पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को जल संसाधन विभाग से भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे तटबंधों को मजबूत करने के लिए एक संयुक्त कार्रवाई योजना तैयार करने को कहा, जिससे तटबंध के आसपास के गांवों में बाढ़ को रोका जा सके. मुख्यमंत्री के आग्रह पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में बाढ़ के कारण होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय टीम भेजने का निर्णय लिया है.
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फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला व रोपड़ जिले में बाढ़ के हालात की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग को पाकिस्तान सीमा से लगे फिरोजपुर जिले के टेंडीवाला तटबंध की मजबूती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने फिरोजपुर के उपायुक्त को बाढ़ से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को हमेशा तैयार रखने का निर्देश दिया है.
फिरोजपुर के उपायुक्त के अनुसार, माखू व हुसैनीवाला इलाकों में 15 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, करीब 500 लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और 630 को जरूरी चिकित्सा सहायता दी गई है. इसके अलावा करीब 950 लोगों को खाने के पैकेट दिए गए हैं और मवेशियों के लिए चारे का पर्याप्त इंतजाम किया गया है.
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उपायुक्त ने बैठक में कहा कि टेंडीवाला गांव में टेंडीवाला गांव में तटबंधों की मजबूती का काम जोरों पर चल रहा है और सेना तटबंद में आई दरार को ठीक करने में सहयोग कर रही है. अमरिंद सिंह ने उपायुक्त से चल रहे मजबूती के कार्य पर नजर बनाए रखने और जल्द से जल्द से पूर्ण किए जाने का निर्देश दिया.
जालंधर में राहत व पुनर्वास उपायों की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री को सूचित किया गया कि 389 परिवारों के साथ 1,690 सदस्यों को बाढ़ प्रभावित गांवों में मदद दी गई. अन्य 655 मरीजों का ओपीडी में इलाज चल रहा है. करीब 4,600 लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप में आए हैं.