केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले ढाई महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब और हरियाणा के किसान प्रदर्शन में सबसे आगे हैं. पंजाब में कांग्रेस नेता इस बात को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं कि केंद्र सरकार का कानून किसान विरोधी है जबकि असल हकीकत इससे अलग है. शुक्रवार को संसद में केंद्रीय कृषि मंत्री मंत्री नरेंद्र तोमर ने इन्हीं प्रावधानों के कारण पंजाब के कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट को लेकर कृषि कानूनों के कांग्रेस के विरोध पर सवाल उठाए हैं. हकीकत यही है कि अगर पंजाब के कांट्रैक्ट एक्ट की तुलना केंद्रीय कानून से की जाए तो कांग्रेस व अकाली दल का विरोध बेजा है.
यह भी पढ़ेंः 'सिर्फ पंजाब ही नहीं देश भर के किसान हैं कानून के खिलाफ... केंद्र की आंखें हैं बंद'
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि पंजाब में कृषि कानून को लेकर किसान को ही एक महीने की जेल और 5 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. जबकि केंद्र के कानून में किसानों को संरक्षण दिया गया है. उन्होंने सवाल किया कि कोई भी किसान पंजाब सरकार के कानून के खिलाफ क्यों प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. दरअसल तत्कालीन प्रकाश सिंह बादल सरकार ने 2013 में पंजाब फार्मिंग कांट्रैक्ट एक्ट पारित किया था. इस एक्ट के तहत करार करने वाली कंपनी या किसान में से कोई भी कांट्रैक्ट को तोड़ता है तो एक महीने की कैद की सजा हो सकती है. व्यापारी के लिए एक महीने की सजा के साथ एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. जुर्माने की राशि को दस लाख रुपये तक बढ़ाया भी जा सकता है. अगर किसान कांट्रैक्ट तोड़ता है तो उसे भी न्यूनतम पांच हजार रुपये जुर्माना होगा जिसे पांच लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. दूसरी ओर, केंद्र के कृषि कानून में किसान को सजा का का प्रावधान नहीं है.
यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन में निशाने पर थे PM मोदी और योगी? 'चाय योगा' कोड से संकेत
कांग्रेस देशभर में हो रहे किसानों के प्रदर्शन को समर्थन दे रही है. दूसरी ओर पंजाब की कांग्रेस सरकार ने केंद्र के कृषि कानून के विरोध में तो विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया लेकिन पहले से पंजाब में बने इस कानून को रद करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. इससे भी उसका दोहरा रवैया ही सामने आता है. प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ से जब पूछा गया कि अगर केंद्र के कृषि कानूनों का कांग्रेस विरोध कर रही है तो क्या पंजाब में आपकी सरकार कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट को रद करेगी तो उन्होंने कहा कि इस कानून के नियम ही पूर्व सरकार ने बनाए नहीं हैं, इसलिए यह एक्ट बना तो जरूर लेकिन लागू नहीं है. हमने तो तब भी इसका विरोध किया था जब अकाली-भाजपा सरकार ने इसे पारित करवाया था. उन्होंने कहा कि तोमर को यह भी स्पष्ट करना चाहिए था कि पंजाब में भी उनकी पार्टी की सरकार ने ही यह कानून बनाया था.
Source : News Nation Bureau