पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को करतारपुर गलियारे के उद्घाटन को ऐतिहासिक कदम बताते हुए इसके लिये भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि करतारपुर गलियारे का उद्घाटन विभाजन के दौरान कत्लेआम देख चुके लोगों के जख्मों पर मरहम के समान है. सिद्धू ने करतारपुर गलियारे के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कोई भी इस गलियारे के खुलने को संभव बनाने में ‘‘मेरे दोस्त’’ इमरान खान के योगदान से इनकार नहीं कर सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘इमरान खान ने इतिहास रचा है.’’ खान को दिलों का बादशाह बताते हुए सिद्धू ने कहा, ‘‘सिकंदर ने डर दिखाकर दुनिया जीती और आपने दुनियाभर का दिल जीता है.’’ पूर्व भारतीय क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने ‘‘बगैर नफा या नुकसान देखे’’ करतारपुर गलियारा बनाने का साहसिक कदम उठाने के लिये पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों ओर के पंजाब ने विभाजन के दौरान कत्लेआम देखा है.
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आप और (नरेंद्र) मोदी ने (इस पहल के जरिये) लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है.’’ सिद्धू ने शेरो-शायरी के अंदाज में खान की दोस्ती और नेतृत्व के लिये उनकी तारीफ की. उन्होंने कहा कि खान पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने नि:स्वार्थ भाव से यह पहल की. उन्होंने कहा, ‘‘विभाजन के बाद यह पहली बार है जब सरहदें खत्म हो गयी हैं. कोई भी मेरे दोस्त खान के योगदान से इनकार नहीं कर सकता है. इसके लिये मैं मोदी जी का भी शुक्रिया अदा करता हूं.’’ उन्होंने कहा कि 10 महीने के भीतर गलियारे का बनकर तैयार हो जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है. यह जन्नत आने के समान है. उन्होंने सिख समुदाय के सपनों को साकार करने के लिये प्रधानमंत्री मोदी का भी शुक्रिया अदा किया.
सिद्धू ने चर्चित भारतीय फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं मोदी जी का भी शुक्रिया अदा करता हूं, यह मायने नहीं रखता कि हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता कि मेरा जीवन गांधी परिवार के लिये समर्पित है. मैं मुन्नाभाई के अंदाज में इसके लिये मोदी साहब को झप्पी देना चाहता हूं.’’ पिछले साल अगस्त में खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाने के लिये अपनी आलोचना पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गले लगाना काम कर गया है. उन्होंने व्यापार के लिये भारत-पाकिस्तान सीमा को खोलने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘ये दिल मांगे मोर.’’ उन्होंने कहा कि सरहद खोल देने चाहिए ताकि लोग पंजाब (भारत) में ‘मक्की की रोटी’ खा सकें और वहां से कारोबार कर लौटते वक्त लाहौर में बिरयानी खा सकें.
Source : PTI