राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ अब देश के अन्य कई राज्यों में भी बिजली का संकट गहराता जा रहा है. ताजा जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में पंजाब भी पावर कट का शिकार होने वाला है. पंजाब के लोगों को 13 अक्टूबर तक रोजाना तीन घंटे तक बिजली की किल्लत का सामना करना होगा. जिसके पीछे सबसे बड़ी वजह कोयल की भारी कमी बताई जा रही है. यही कारण है कि पंजाब स्टेट पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी पीएसपीसीएल को बिजली उत्पादन में कटौती करने को मजबूर होना पड़ रहा है.
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राज्य के स्वामित्व वाली यूटीलिटी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ए वेणुप्रसाद ने कहा कि कोयल की कमी के चलते पंजाब में रविवार को थर्मल पॉवर प्लांट्स अपनी बिजली उत्पादन क्षमता में 50 प्रतिशत कमी के साथ चले. उन्होंने कहा कि राज्य को केवल अपनी वास्तविक कोयला की 22 रेक खपत के सापेक्ष 11 रेक कोयला ही मिल सका है. उन्होंने कहा कि निजी थर्मल प्लांटों के पास सिर्फ डेढ़ दिन का स्टॉक है, जबकि सरकारी कंपनियों के पास अगले चार दिनों तक स्टॉक है। उन्होंने कहा कि कल कोयला की भारी कमी के चलते राज्य में 50 प्रतिशत कम बिजली उत्पादन ही हो पा रहा है. हालांकि पंजाब के अलग-अलग शहरों में लोगों को 5 से 6 घंटे तक के बिजली के झटके झलने पड़ रहे हैं. शनिवार सुबह पटियाला, अमृतसर, फिरोजपुर, बरनाला और भटिंडा में छह घंटे तक की बिजली की कटौती दर्ज की गई.
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आपको बता दें कि पंजाब में पिछले कई महीनों से बिजली कटौती की समस्या बनी हुई है. यहां के पावर प्लांट्स बिजली की डिमांड को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से मांग व आपूर्ति के बीच का अंतर खत्म नहीं हो पा रहा है. इससे पहले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी पावर कट को लेकर कैप्टर अमरिंदर सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने पूर्व की अकाली दल सरकार के शासनकाल में तय किए गए पावर परचेस एग्रीमेंट को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था.