Sudan Crisis: ऑपरेशन कावेरी की मदद से सूडान में चल रहे संघर्ष के बीच भारतीयों को निकालने का प्रयास किया जा रहा ह. यहां से बचाए गए हजार से अधिक भारतीयों में से 117 क्वारंटाइन किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इन यात्रियों ने येलो फीवर का टीका नहीं लिया था. ऐसे में इन्हें अलग-अलग रखा गया है. दरअसल, ऑपरेशन कावेरी के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय भी साथ काम कर रहे हैं. मंत्रालय के अनुसार आने वाले यात्रियों के लिए मिशन मोड पर क्वारंटाइन व्यवस्था की गई है. मंत्रालय ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि अब तक कुल 1,191 यात्री सामने आए हैं. इसमें से 117 यात्रियों को इस समय क्वारंटाइन किया गया है.
इन यात्रियों को सात दिनों के बाद छोड़ दिया जाएगा. अगर इनमें किसी तरह के लक्षण सामने आते हैं तो इन्हें और दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सूडान से अब तक तीन हजार भारतीय को सुरक्षित निकाल लिया है. इन यात्रियों को क्वारंटाइन केंद्रों पर रखा गया है. यहां पर इन्हें मुफ्त भोजन के साथ इलाज की सुविधा प्रदान की गई है.
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मंत्रालय के अनुसार, यात्रियों का पहला जत्था 360 यात्रियों के साथ राजधानी पहुंचा. इनमें से किसी को क्वारंटाइन की जरूरत नहीं थी. इसके बाद 26 अप्रैल को 240 यात्रियों को मुंबई पहुंचाया गया. इनमें 47 यात्रियों को क्वारंटाइन किया गया था. इनमें से तीन को टीकाकरण के सत्यापन के बाद शनिवार को रिलीज कर दिया गया.
येलो फीवर है क्या?
यह एक वायरस से संबंधित बीमारी है. यह मच्छर के काटने से होती है. इस तरह के मच्छर अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं. पीले बुखार के वायरस के कई लक्षण होते हैं. इस दौरान दर्द और बुखार के साथ फ्लू जैसे लक्षण सामने आएंगे. इस दौरान शरीर से रक्तस्राव भी आरंभ हो जाता है. ये लक्षण सामने के लिए करीब तीन से छह दिन लग जाते हैं.
HIGHLIGHTS
- अब तक कुल 1,191 यात्री सामने आए हैं
- 117 यात्रियों को इस समय क्वारंटाइन किया गया है
- इन यात्रियों को सात दिनों के बाद छोड़ दिया जाएगा