उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में जब जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के बारे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर चुप्पी साध ली. इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अफगानिस्तान में है. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में उसकी मौजूदगी से इनकार करने के कुछ दिनों बाद मंत्री का बयान आया है. बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि अजहर अब केवल भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि वह भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक त्रिपक्षीय मुद्दा बन गया है.
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बुधवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने देश में मसूद अजहर की मौजूदगी के बारे में पाकिस्तानी मीडिया की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की धरती पर और यहां तक कि आधिकारिक संरक्षण में भी काम कर सकते हैं. जाहिर है, पाकिस्तान ने भी तालिबान सरकार को पत्र भेजकर मसूद अजहर को इस्लामाबाद को सौंपने की मांग की थी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, "हमने अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक पेज का पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें मसूद अजहर का पता लगाने, रिपोर्ट करने और गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है, क्योंकि हमारा मानना है कि वह (पूर्वी नंगरहार प्रांत) अफगानिस्तान में कहीं छिपा है."