लोकसभा चुनाव के ऐन बीच में एक नया मुद्दा घुस आया है. धमाके श्रीलंका में हुए और उसकी गूंज भारत में अभी तक सुनाई दे रही है. पहले केरल से कनेक्शन निकला और जैसे ही श्रीलंका ने बुर्के को बैन किया भारत में भी इसे बैन करने की मांग उठने लगी. शिवसेना के मुखपत्र सामना में संपादकीय के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की गई है कि बुर्का पर प्रतिबंध लगाया जाए.
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वहीं इस मांग के समर्थन में जहां साध्वी प्रज्ञा खड़ी हो गईं तो बीजेपी के प्रवक्ता जीएल नरसिम्हा ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. वहीं इस मांग पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा कि यह हमारे संविधान में फंडामेंटल राइट है. बाकी आप यह हिंदुत्व सब पर नहीं लागू कर सकते हैं. कल को बोलेंगे कि आपके चेहरे पर दाढ़ी ठीक नहीं है, टोपी मत पहनिए. चलिए इन सियासी हंगामे के बीच ये जान लें कि आखिर इस्लाम में परदे का क्या महत्व है...
इस्लाम में पर्दा
• कुरआन में महिलाओं को परदे का हुक्म
• क़ुरआन के सूरा नूर और सूरा हुजरात में पर्दा का ज़िक्र
• क़ुरआन में हिजाब और जलाब शब्द का ज़िक्र
• जलाब का मतलब पहने हुए कपड़े के ऊपर सिर ढंकने के लिए अलग से ओढ़ी जाने वाली चादर
• हिजाब का मतलब छुपाना होता है
• क़ुरआन में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा गया है कि अपने अंगों को छुपाकर रखें और अपना श्रंगार या आभूषणों का दिखावा नहीं करें, "सिवाय उसके जो स्वभाविक रूप से नज़र आए."
• इस्लामिक विचारक मौलाना मौदूदी अपनी किताब “पर्दा” में लिखते हैं- इंसान की प्रकृति में हया व लज्जा का जज्बा नेचुरल होता है. उसके जिस्म के कुछ हिस्से ऐसे हैं जिन्हें छिपाने की ख्वाहिश अल्लाह ने उसके स्वभाव में पैदा की है. यही स्वाभाविक ख्वाहिश है जिसने शुरु ही से इंसान को किसी न किसी तरह का लिबास पहनने पर मजबूर किया है.
• क़ुरआन में कहा गया है की औरतें अपने जिस्म की नुमाइश न करें और मर्द पराई औरतों को देखकर अपनी निगाहें नीची कर लें
Source : Sajid Asharf