कुतुबमीनार मालिकाना हक की याचिका पर 17 सितंबर को आएगा कोर्ट का फैसला

साकेत कोर्ट में जमीन पर मलिकाना हक का दावा कर पक्षकार बनाए जाने की मांग करने वाले कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद की अर्जी पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता और एएसआई ने अर्जी का विरोध किया है. उन्होंने इसे अनावश्यक और मामले को खींचने वाले बताया है.

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Deepak Pandey
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Qutub Mina( Photo Credit : News Nation)

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Qutub Minar ownership petition : कुतुबमीनार के परिसर में मौजूद कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना का अधिकार मांगने वाली याचिका पर साकेत कोर्ट (Saket court) में सुनवाई जारी है. कोर्ट में जमीन पर मलिकाना हक का दावा कर पक्षकार बनाए जाने की मांग करने वाले कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद की अर्जी पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता और एएसआई ने अर्जी का विरोध किया है. उन्होंने इसे अनावश्यक और मामले को खींचने वाले बताया है.

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ASI के वकील ने साकेत कोर्ट में कहा कि इस मामले में महेंद्र ध्वज प्रसाद ने कोई ऐसी दलील पेश नहीं की है, जिससे साबित हो कि इस मामले में सिविल जज के आदेश के बाद उनको पक्षकार बनाने का कोई औचित्य है. इस पर कोर्ट ने कुतुबमीनार के निर्माण वाली जमीन के स्वामित्व का दावा करने वाले कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह के आवेदन पर आदेश के लिए 17 सितंबर की तारीख तय की.

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क्या है कुतुबमीनार का मामला?

दिल्ली के कुतुबमीनार का विवाद अब कोर्ट पहुंच गया है. हिंदू संगठन ने साकेत कोर्ट में याचिका दायर की है कि 27 हिंदू देवी-देवताओं और जैन मंदिरों को तोड़कर कुतुबमीनार को बनाया गया है, इसलिए इसमें पूजा करने की परमिशन दी जाए. इस याचिका में कुतुबमीनार को विष्णु स्तंभ बताया गया है और इस मंदिर के जीर्णोद्वार की मांग की गई है. इसके मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में एक नई याचिका दायर हो गई है. अदालत ने कहा कि मालिकाना हक के मामले में जब तक फैसला नहीं आ जाता, तब तक पूजा की अनुमति देने वाली याचिका पर फैसला नहीं दिया जा सकता है. मालिकाना हक वाली याचिका पर अब अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी. 

Source : News Nation Bureau

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