भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला, जो जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शुक्रवार को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया। लेकिन सम्मान देते समय राष्ट्रपति भावुक हो गए।
अशोक चक्र शांति के समय दिया जाना वाला देश का सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां राजपथ पर आयोजित 69वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान निराला की पत्नी को यह सम्मान प्रदान किया।
निराला बिहार के रोहतास जिले के बडीलाडीह गांव के रहने वाले थे और वह 18 नवंबर 2017 को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा के हाजिन में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गये थे।
जान गंवाने से पहले निराला ने दो खूंखार आतंकियों को मार गिराया था। इन आतंकियों में लश्कर कमांडर जकी उर रहमान लखवी का भतीजा ओवैद उर्फ ओसामा जांगवी और महमूद भाई शामिल था। वायुसेना के इस जवान ने अपने घायल साथियों को भी अपनी जान पर खेलकर बचाया था।
निराला 18 नवंबर 2017 को बांदीपोरा जिले के चंदरनगर गांव में गरुड़ की टुकड़ी और राष्ट्रीय राइफल द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए एक आक्रामक अभियान का हिस्सा थे।
गरुड़ की टुकड़ी ने जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे, वहां चारों ओर से घात लगाया। निराला ने खुद को आतंकवादियों के ठिकाने के पास रखा, ताकि आतंकवादी बच कर नहीं निकल पाए।
जब सैन्य टुकड़ी आतंकवादियों के बाहर निकलने का इंतजार कर रही थी, तभी छह आतंकवादी बाहर भागते हुए आए और सैनिकों पर उन्होंने अंधाधुंध गोलियां बरसाई और हथगोले फेंकना शुरू कर दिए।
निराला ने लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को मार गिराया और दो को घायल कर दिया। मुठभेड़ के दौरान वह भी गोली लगने से घायल हुए।
गंभीर रूप जख्मी होने के बावजूद निराला ने गोलीबारी करनी जारी रखी और आखिरकार दम तोड़ दिया। इस दौरान सभी छह आतंकवादी मारे गए।
Source : News Nation Bureau