रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि राफेल विमान भारतीय वायु सेना को रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता तथा लंबी दूरी तक लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता प्रदान करेगा. इस लिहाज से फ्रांस की वायु सेना के साथ अधिकारियों और तकनीशियनों के पहले बैच का प्रशिक्षण चल रहा है. मंत्रालय ने 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि फ्रांस द्वारा निर्मित विमान भारत को देश के दुश्मनों से पार पाने की मजबूत क्षमता प्रदान करेगा.
यह भी पढ़ेंः वेस्टइंडीज दौरे के लिए कल होने वाली चयन समिति की बैठक टली, अब इस दिन होगा टीम का ऐलान!
भारत ने दोहरे इंजन वाले विमानों के दो बेड़े (36) खरीदने के लिए करार किया है और उनका बेस पाकिस्तान तथा चीन के साथ पश्चिमी एवं पूर्वी मोर्चों पर स्थापित करने का फैसला किया है. परमाणु आयुधों को ले जाने की क्षमता वाले विमानों की आपूर्ति इस साल सितंबर से शुरू हो सकती है.
यह भी पढ़ेंः फेसबुक, गूगल जैसी डिजिटल कंपनियों पर कर लगाने पर जी-7 वित्त मंत्री सहमत: फ्रांस
स्ट्रेटेजिक डिटरेंस (रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता) एक ऐसी रणनीति है जिसका इस्तेमाल कोई देश किसी दुश्मन से हमले की संभावना को समाप्त करने के लिए प्रभावी तरीके से करता है. वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने पिछले साल राफेल और रूसी एस-400 मिसाइलों के बल में शामिल होने को क्रांतिकारी पहल कहा था.