राफेल पुर्नविचार याचिकाओं पर सुनवाई टल गई. केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिये चार हफ्ते का समय मांगा है. वहीं कोर्ट ने सरकार को शनिवार तक दाखिल करने को कहा. बता दें कि सरकार को याचिकाकर्ता की तरफ से लगाए गए कोर्ट को गुमराह करने के आरोपों के बारे में जवाब देना है. इस मामले पर सोमवार को अगली सुनवाई होगी.
इसके अलावा याचिकाकर्ता की ओर से पेश किये गए दस्तावेजों पर भी सरकार को जवाब देना है.. 10 अप्रैल को दिए पिछले आदेश में कोर्ट ने सरकार की आपत्तियों को खारिज करते हुए इन दस्तावेजों को सुनवाई के लिए मंजूर लिया था.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे पर अपने आदेश पर दोबारा विचार करने संबंधी याचिका को 10 अप्रैल को मंजूर की थी, जोकि मीडिया रिपोर्ट में लीक दस्तावेज के आधार पर की गई थी. कोर्ट से दस्तावेज पर सरकार द्वारा विशेषाधिकार का दावा करते हुए की गई आपत्तियों को खारिज करने की मांग की गई थी.
केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट के सामने दलील दी गई थी कि विशेषाधिकार वाले तीन दस्तावेज अनधिकृत रूप से सरकार के संबंधित मंत्रालय से निकाले गए थे और याचिकाकर्ता ने इन दस्तावेजों का उपयोग सुप्रीम कोर्ट के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले को चुनौती देने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करने में किया.
कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2018 के अपने आदेश में राफेल लड़ाकू विमान सौदे को चुनौती देने वाली सभी दलीलों को खारिज कर दिया था. भारत और फ्रांस के बीच 2015 में लड़ाकू जेट विमान खरीद के सौदे हुए थे.
केंद्र की दलील थी कि दस्तावजे कार्यालय गोपनीयता अधिनियम के तहत संरक्षित हैं, इसलिए कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर स्वीकार्य नहीं हैं, लेकिन सुप्रीम ने इस दलील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी के अनुसार प्रकाशित किए गए थे.
Source : News Nation Bureau