राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार की सुनवाई के बाद कांग्रेस पार्टी एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर ले रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए काफी सबूत हैं. सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामले की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने अदालत को बताया कि राफेल से संबंधित अति महत्वपूर्ण दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'राफेल घोटाले में प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के काफी प्रमाण हैं. भ्रष्टाचार उन्हीं से शुरू होता है और उन्हीं के साथ खत्म होता है. राफेल के जो महत्वपूर्ण दस्तावेज उन्हें (मोदी) फंसा रही है उसे सरकार 'चोरी की गई' बता रही है. यह सबूत को मिटाने और इसे छिपाने का प्रयास है.'
There is now enough evidence to prosecute the PM in the #RafaleScam.
The trail of corruption begins & ends with him.
That crucial Rafale files incriminating him are now reported “stolen” by the Govt, is destruction of evidence & an obvious coverup. #FIRagainstCorruptModi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 6, 2019
इससे पहले पीएम मोदी पर राफेल सौदे में बैंक गारंटी माफ कर भारतीय खजाने की कीमत पर दसॉ एविएशन को समृद्ध करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि मोदी के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत जांच की जानी चाहिए.
भारतीय समझौता दल (आईएनटी) के दस्तावेजों का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि 36 राफेल विमानों को खरीदने के सौदे को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा अंतिम रूप दिया गया था. इसमें इसकी कीमत भी शामिल है.
उन्होंने यह भी कहा कि अप्रैल 2015 में मोदी ने विमानों के लिए जिस कीमत की घोषणा की थी, वह यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) द्वारा किए गए सौदे से कही ज्यादा थी. उन्होंने प्रधानमंत्री पर संसद में कीमत के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया.
सुरजेवाला ने कहा, 'राफेल सौदे में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी सबके सामने आ गई है. मोदी ने दसॉ एविएशन को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और लगातार सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया.'
सुरजेवाला ने मीडिया को बताया, 'आईएनटी के मुताबिक, नए सौदे के अंतर्गत 36 विमानों की कीमत 63,450 करोड़ रुपये है, न कि 59,175 करोड़ रुपये, जिसका भाजपा के विभिन्न मंत्री और सरकार दावा कर रही है. गौर करने वाली बात यह है कि विमानों की आपूर्ति 1.22 फीसदी मंहगाई दर के साथ 10 वर्षों में की जाएगी, जिससे विमानों की कीमत 67,500 करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगी.'
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी ने राफेल निर्माता दसॉ को भारतीय खजाने की कीमत पर लाभ पहुंचाने के लिए उसकी बैंक गारंटी माफ कर दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
सुरजेवाला ने कहा, 'यह भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) का मामला है. अब वक्त प्राथमिकी के जरिए राफेल घोटाले में संलिप्त प्रधानमंत्री मोदी और अन्य के खिलाफ जांच करने का है. यह वक्त मोदी के लिए साबित करने का है कि वह दोषी नहीं हैं और उन्हें तुरंत जांच के लिए तैयार हो जाना चाहिए.'
आईएनटी का हवाला देते हुए कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि सौदे को डोभाल ने अंतिम रूप दिया, जबकि उनके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं था.
सुरजेवाला ने कहा, '36 विमानों की कीमत और खरीद का फैसला अजीत डोभाल ने 12-13 जनवरी, 2016 को किया था. डोभाल को कभी भी सुरक्षा संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति ने अधिकृत नहीं किया और न ही वह आईएनटी का हिस्सा थे. संयोगवश, अनुबंध पर 13 जनवरी, 2016 को हस्ताक्षर हुए थे.'
उन्होंने कहा, 'जब इस बात का खुलासा हुआ तब मोदी ने रक्षा सचिव को यह कहने के लिए मजबूर किया कि पीएमओ ने अंतिम बातचीत में कोई हस्तक्षेप नहीं किया. आईएनटी रिपोर्ट के 11 पैरा में स्पष्ट किया गया है कि सौदे को उनके द्वारा नहीं, बल्कि अजीत डोभाल ने अंतिम रूप दिया.'
(IANS इनपुट्स के साथ)
Source : News Nation Bureau