केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को करोड़ों रुपये के राफेल लड़ाकू विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की. चिदंबरम ने यहां पार्टी कार्यालय पर संवाददाताओं से कहा, 'यूपीए शासन में 126 विमानों की खरीद के अनुबंध की तुलना में मात्र 36 विमानों के लिए 60 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदे को बिना चुनौती दिए और बिना जांच के यूं ही छोड़ा नहीं जा सकता.' उन्होंने कहा, 'हम अपनी बात को जनता तक ले जाएंगे और उनसे राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी की कांग्रेस पार्टी की मांग का समर्थन करने के लिए कहेंगे.' पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की जेपीसी जांच की मांग के बाद चिदंबरम ने भी यह मांग की.
कांग्रेस नेता ने कहा कि शीर्ष अदालत ने अपना फैसला रक्षा खरीद के विभिन्न पहलुओं के उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर होने के आधार पर दिया है.
चिदंबरम ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के विभिन्न बयानों और दावों को सच मान लिया और पेश किए गए तथ्यों को जांचने की जरूरत नहीं समझी. इस प्रक्रिया में अदालत ने एक बड़ी गलती यह की कि उसने इस बात को सच मान लिया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने सौदे की जांच कर ली है.'
पूर्व वित्तमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार ने अदालत को जानबूझकर गुमराह किया. सीएजी ने लड़ाकू विमान सौदे पर अभी अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार भी नहीं की है.
कांग्रेस नेता ने लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए पिछली संप्रग सरकार द्वारा की गई बातचीत को आगे न बढ़ाकर उसे रद्द कर देने और दसॉ के साथ नया समझौता करने की सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया.
Source : IANS