राफेल डील पर पुर्नविचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को केंद्र सरकार ने चौंकाने वाला बयान दिया कि रक्षा मंत्रालय से राफेल के दस्तावेज चोरी हो गए. सरकार ने कहा कि इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर यह पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉनी जनरल (AG) के के वेणुगोपाल ने ये दोहराया कि अखबार 'द हिंदू' और समाचार एजेंसी ANI के पास जो दस्तावेज है, वो चोरी हुआ था. मामले में 14 मार्च को अगली सुनवाई होगी.
भारतीय वार्ताकार दल (आईएनटी) के तीन सदस्यों द्वारा 8 पेज के नोट में व्यक्त की गई असहमति का जिक्र करते हुए वेणुगोपाल ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच को बताया कि इसकी जांच की जा रही है कि दस्तावेजों को पूर्व कर्मचारियों ने चुराया या वर्तमान कर्मचारियों ने.
अटॉर्नी जनरल ने राफेल संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से ठीक पहले 8 फरवरी को अखबार में एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए आपत्ति दर्ज कराई.
इस पर चीफ जस्टिस गोगोई ने जानना चाहा कि अगर ये दो लेख 'अनधिकृत' दस्तावेजों के आधार पर प्रकाशित हुए थे तो सरकार ने आठ फरवरी को इस स्टोरी के प्रकाशित होने पर सबसे पहले क्या कार्रवाई की. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को रक्षा मंत्रालय से कथित तौर पर चोरी हुए दस्तावेजों पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी.
अटॉर्नी जनरल ने पुनर्विचार याचिका और अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ 'झूठी गवाही का मामला' शुरू करने की मांग वाली याचिका को खारिज करने की मांग की. इस पर अदालत ने कहा कि प्रशांत भूषण को अपना पक्ष रखने दीजिए कि आखिर वह क्या चाहते हैं और फिर अदालत तय करेगी कि इसके किस हिस्से को स्वीकार करना है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि क्या रक्षा मंत्रालय के संबंधित विभाग के प्रमुख यही बात कहते हुए हलफनामा देंगे.
इस पर एजी ने कहा है कि वो कल (गुरुवार) तक हलफनामा दाखिल करवा देंगे. AG ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि देश को आधुनिक विमानों की जरूरत है, पर यहां कुछ लोग CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जांच करवाने पर अड़े हैं.
उन्होंने कोर्ट में कहा कि हमारे पड़ोसी के पास F16 है, हम सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. हमने अपने कुछ पायलटों को राफेल की जानकारी लेने फ्रांस भेजा है.
इस पर जस्टिस के एम जोसफ ने टिप्पणी की कि अगर भ्रष्टाचार की जांच की मांग की जा रही है तो आप राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर बच तो नहीं सकते.
AG ने कहा, 'हर बात की न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती. क्या हमें कोर्ट को ये भी बताना होगा कि जंग क्यों हुई. शांति का फैसला क्यों लिया गया। किसी भी देश में रक्षा सौदे पर इस तरह कोर्ट में सुनवाई नहीं होती.'
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से आग्रह किया कि कोर्ट इस मामले में कुछ भी कहने से बचे, क्योंकि ये मामला राजनैतिक हथियार बन गया है. याचिकाकर्ताओं से दस्तावेज हासिल करने का जरिया पूछे. संतुष्ठ होने पर सुनवाई की जाए.
याचिकाकर्ताओं में एक वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि 2जी, कोयला घोटाला की भी जांच इसी तरह हुई. मुझे किसी सूत्र से कागजात मिले, मैंने याचिका दाखिल की. तब किसी ने ये सवाल नहीं उठाया कि दस्तावेज कहां से आए.
कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह के रवैये पर नाराजगी जाहिर की. CJI ने राफेल केस में उनके वकील संजय हेगड़े से कहा कि हम आपकी याचिका नहीं सुनेंगे. आपने हमारे फैसले पर अवांछित टिप्पणी की थी. हम निश्चित रूप से इस बारे में कोई कार्रवाई करेंगे.
Source : Arvind Singh