Advertisment

जिसे लेकर कांग्रेस-बीजेपी में मची है रार, जानें वो Offset Partner क्या है

ऑफसेट डील क्या है और इसे लेकर क्यों कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार वार कर रही है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी को ऑफसेट का मतलब ही नहीं मालूम है.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
जिसे लेकर कांग्रेस-बीजेपी में मची है रार, जानें वो Offset Partner क्या है

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

Advertisment

राफेल डील को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के रार के बीच आप एक शब्द बार-बार सुनते होंगे और वो शब्द है 'ऑफसेट डील'. ऑफसेट डील क्या है और इसे लेकर क्यों कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार वार कर रही है. वहीं, लोकसभा में बुधवार (2 जनवरी) को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी को ऑफसेट का मतलब ही नहीं मालूम है. उनका इस मामले में केजी के बच्चे जितना दिमाग है. सवाल यह है कि आखिर ये ऑफसेट होता क्या है. जिसे लेकर इतना हो हल्ला मचा हुआ है.

क्या है ऑफसेट एग्रीमेंट
ऑफसेट एग्रीमेंट या डील उसे कहते हैं जब सरकार किसी दूसरे देश से कोई डील करती है तो मुख्य कंपनी के अलावा दूसरी कंपनियों के साथ साइड डील भी होती है. इसी साइड डील को ऑफसेट डील कहते हैं. जैसे राफेल सौदे में दसॉ एविएशन (Dassault aviation) वो मुख्य कंपनी है जहां फाइटर प्लेन तैयार होगा. वहीं ऑफसेट कंपनी होगी अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड (RNAVAL). ऑफसेट डील के मुताबिक, राफेल भारत के लिए जो भी इक्विपमेंट बनाएगी, उसकी वेंडर कंपनी रिलायंस ग्रुप होगी. रिलायंस उसकी लोकल सप्लायर के तौर पर काम करेगी.

इसे भी पढ़ें : दसॉ एविएशन ने राफेल पर SC के फैसले का किया स्वागत, कहा- 'मेक इन इंडिया' को स्थापित करने के लिए समर्पित

जब भी किसी देश की सरकार किसी विदेशी कंपनी को ऑर्डर देती है तो ऑफसेट एग्रीमेंट की मांग करती है. ऑफसेट डील के पीछे मांग की वजह इसलिए होती है ताकि डील की रकम का कुछ फायदा घरेलू कंपनियों को भी हो. राफेल सौदे में रिलायंस ग्रुप ऑफसेट है, यानी रिलायंस उसकी लोकल सप्लायर के तौर पर काम करेगी. इसके जरिए टोटल डील की रकम का कुछ हिस्सा रिलायंस डिफेंस लिमिटेड  के जरिए भारत आएगा. इससे फायदा यह होगा कि लोगों को रोजगार मिलेगा. ऑफसेट डील की वैल्यू 50 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक हो सकती है. राफेल डील का 50 प्रतिशत रकम घरेलू कंपनी के पास आई है.

राफेल डील क्या है
राफेल फाइटर जेट डील भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच सितंबर 2016 में हुई. इस डील से हमारी वायुसेना को 36 अत्याधुनिक लड़ाकू विमान मिलेंगे. यह सौदा 7.8 करोड़ यूरो (करीब 58,000 करोड़ रुपए) का है. सितंबर 2019 में पहला राफेल भारत पहुंचेगा.

और पढ़ें : राहुल गांधी ने पीएम मोदी को 'राफेल डील परीक्षा' पर दिए 4 सवाल, सीतारमण ने ली चुटकी

क्यों कर रही कांग्रेस विरोध
कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार के दौरान एक राफेल फाइटर जेट की कीमत 500 करोड़ रुपए तय की गई थी. मोदी सरकार के दौरान एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपए का पड़ेगा. इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आरोप है कि ऑफसेट के जरिए अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप को फायदा पहुंचाया गया है. सरकारी कंपनी हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को इससे हटाकर रिलायंस ग्रुप को यह डील दिया गया. कांग्रेस इसपर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग कर रही है.

कांग्रेस को ऑफसेट के बारे में नहीं है पता 

बीजेपी ने कांग्रेस के वार का पलटवार बुधवार को संसद में दिया. वित्त मंत्री ने कहा कि 2016 में जो सौदा हुआ, उसके आधार पर बेयर एयरक्राफ्ट (विभिन्न युद्धक प्रणालियों से विहीन विमान) का दाम यूपीए की कीमत से 9 प्रतिशत कम था और हथियारों से युक्त विमान की बात करें तब यह यूपीए की तुलना में भी 20 प्रतिशत सस्ता था. जेटली ने कहा कि क्या एक औद्योगिक घराने को लाभ दिया है.

कांग्रेस पार्टी को ऑफसेट के बारे में भी पता नहीं है, यह दुख की बात है. आफसेट का मतलब है कि किसी विदेशी से सौदा करते हैं तो कुछ सामान अपने देश में खरीदना होता है. राफेल में 30 से 50 प्रतिशत सामान भारत में खरीदने की बात है. उन्होंने कहा कि ऑफसेट 29 हजार करोड़ रुपये का और आरोप 1.30 लाख करोड़ रुपये का लगाया जा रहा है. आफसेट तय करने का काम विमान तैयार करने वाली कंपनी का है. 2016 में यूपीए से बेहतर शर्तो पर वर्तमान सरकार के स्तर पर समझौता किया गया

वहीं, अरुण जेटली ने एक बार फिर से कांग्रेस की जेपीसी मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह नीतिगत विषय नहीं है. यह मामला सौदे के सही होने के संबंध में है. सुप्रीम कोर्ट में यह सही साबित हुआ है.

Source : Nitu Kumari

BJP congress rahul gandhi Modi Government Reliance Group Dassault Aviation arun jaitely rafale dear offsets deal jpc inqury
Advertisment
Advertisment
Advertisment