भारत आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है इस मौके पर आईएएफ राफेल फाइटर जेट के साथ अपने करतब भी दिखा रहा है. यह परेड कई मायनों में खास है क्योंकि इस गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार राजपथ पर आसमान में दिखाई दिया राफेल फाइटर जेट. आपको बता दें कि राफेल लड़ाकू विमानों को देश की वायुसेना का हिस्सा बने हुए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है. और ये पहला मौका होगा जब राजपथ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर राफेल अपना दम भरता हुआ दिखाई दिया.
आपको बता दें कि परेड के सबसे आखिर में राफेल लड़ाकू विमान फ्लाइ पास्ट के अंत में अपने करतब दिखाने शुरू किए. उसके साथ दो जगुआर लड़ाकू विमान और दो मिग-29 विमानों ने भी हुंकार भरी हालांकि, इस दौरान लोगों की निगाहें सिर्फ राफेल पर ही जमी रहीं ऐसा इसलिए भी रहा क्योंकि वो इस बार वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन में अपना प्रदर्शन कर रहा था.
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जानिए क्या होता है वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन
युद्ध के दौरान जब लड़ाकू विमान दुश्मन का सामना करते हैं, तो उस समय उनका दो टारगेट होता है एक तो दुश्मन का सफाया कर देना और दूसरा खुद को वहां सुरक्षित निकाल लेना. यहां आपको बताते चलें कि वायुसेना का हर पायलट अपने विमान को दुश्मनों के हमलों से बचाने के लिए उस दौरान कई तरह के करतब करता है, ताकि दुश्मन के हथियारों के निशाने उस विमान को न भेद पाएं. पायलट के इन्ही करतबों में से एक है वर्टिकल चार्ली करतब इसे ‘वर्टिकल चार्ली’ फॉर्मेशन के नाम से जाना जाता है.
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पायलट ऐसे देते हैं युद्ध में दुश्मनों को चकमा
वायुसेना के सभी पायलटों को इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है. आपको बता दें कि जब इस फॉर्मेशन के दौरान पायलट राफेल की उड़ान की शुरुआत करता है, तब वह जमीन के काफी करीब होता है, और फिर अचानक ही बिल्कुल ऊंचाई की ओर रुख कर लेता है इस दौरान विमान का पायलट थोड़ी रौशनी का भी उपयोग करता है जो कि इस करतब के साथ-साथ खुद को बचाने की भी नीति है. जब विमान ज्यादा ऊंचाई तक जाने के बाद भी दिक्कतों का से बचने के लिए विमान कई बार हवा में पलटी मारेगा और दुश्मन को चौंका देगा इसे ही वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन कहा जाता है.
Source : News Nation Bureau