पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच आज 5 राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter jet) औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल होंगे.राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को अंबाला एयरबेस पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में शामिल किया जाएगा. कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा फ्रांस के उनके समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार शिरकत करेंगे. समारोह के बाद पार्ली और सिंह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और सुरक्षा सहयोग को और मजबूती देने के लिये अंबाला (Ambala) में चर्चा करेंगे.
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वायुसेना के एक प्रवक्ता के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान राफेल विमान (Rafale Fighter jet) का औपचारिक अनावरण किया जाएगा. पारंपरिक सर्वधर्म पूजा की जाएगी और राफेल व तेजस विमान हवाई करतब दिखाएंगे. राफेल विमानों को बल के 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी जाएगी. राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है. याद हो कि 29 जुलाई को पहली खेप के तहत पांच राफेल विमान भारत (India) लाए गए थे.
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फ्रांसीसी विमानन कंपनी दसाल्ट एविएशन द्वारा उत्पादित इन विमानों को अभी औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल नहीं किया गया है. अब तक भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है, जिनमें से पांच अभी फ्रांस में ही हैं जिन पर भारतीय वायुसेना के पायलट प्रशिक्षण (Indian Air Force) ले रहे हैं. सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है. चार राफेल लड़ाकू विमानों के एक अन्य जत्थे के नवंबर तक भारत पहुंच जाने की उम्मीद है.
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सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा फ्रांस से 36 और लड़ाकू विमानों की संभावित खरीद पर सिंह और पार्ली की बातचीत के दौरान शुरुआती चर्चा हो सकती है. रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद अपनी सटीक मारक क्षमता और वायु श्रेष्ठता के लिये चर्चित राफेल विमानों की करीब 23 साल बाद खरीद हुई है. राफेल विमान अत्याधुनिक हथियारों और उन्नत प्रणाली से लैस हैं.