Rajya Sabha: Raghav Chadha ने महंगाई-बेरोजगारी पर सरकार को घेरा, सामने रखे आंकड़े

इस सरकार ने वादा किया था आय बढ़ाने का, आय तो बढ़ी नहीं. महंगाई बढ़ गई. बढ़ती महंगाई और घटती कमाई के चलते आज देश के आम आदमी को आधार कार्ड नहीं, उधार कार्ड की जरूरत पड़ रही है. आज इस बहस को सुन रहे देश के करोड़ों लोगों को मैं बता रहा हूं कि...

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Shravan Shukla
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Raghav Chadha ( Photo Credit : youtube/SANSAD TV - RAJYA SABHA)

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Raghav Chadha on Inflation and Unemployment in Rajya Sabha: राज्यसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने देश की जनता से जुड़े दो महत्वपूर्ण बिंदुओं को उठाया. उन्होंने केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त है. सबसे पहले बात करते हैं बेरोजगारी की. इस सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि हम दो करोड़ नौकरियां हर साल देंगे. सर, नौकरियां तो नहीं आई... बल्कि इस सरकार ने बेरोजगारी दर को पिछले 45 सालों में सर्वाधिक कर दिया. साल 2014 में जब इनकी सरकार बनी थी, तब देश में बेरोजगारी का दर 4.9 प्रतिशत था. आज 8 साल बाद 2022 में 8 फीसदी तक बेरोजगारी दर पहुंच गई है. ये तो संगठित क्षेत्र की बेरोजगारी है. असंगठित क्षेत्र की बेरोजगारी, एमएसएमई में कितनी कंपनियां बंद हुई, कितने बेरोजगार हुए. इसका तो हिसाब ही सरकार के पास नहीं है.

बेरोजगारी के ये हैं आंकड़े

कुछ ही समय पहले वित्तमंत्री ने लोकसभा में बताया कि कुल 22 करोड़ आवेदन पत्र भारत सरकार के पास नौकरी मांगने के लिए आए. उन 22 करोड़ में से सिर्फ 7 लाख लोगों को नौकरी मिली. हम छाती चौड़ी करके कहते हैं कि हम युवा देश हैं. हमारी युवा ताकत पर हमें गर्व है. लेकिन हमारा युवा सड़कों पर लाठी खा रहा है. बेरोजगारी के तले दबता जा रहा है. सरकार आज युवाओं की जवानी बर्बाद कर रही है. इस सरकार ने देश के युवाओं को घर पर बैठाने का काम किया है, इसका नारा बदलकर हो गया है-हर घर बेरोजगार, यही है भाजपा सरकार.

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हम सब होते जा रहे गरीब

राघव चड्ढा ने सदन में दूसरी सबसे बड़ी बीमारी महंगाई को बताया. उन्होंने महंगाई को 'इन्फ्लेशन इज टैक्सेशन विदाउट लेजिस्लेशन' बताते हुए कहा कि महंगाई को सरकारें कानून लाए बिना जनता पर थोप देती है. आज भारत की महंगाई इस वित्तीय वर्ष में पिछले 30 सालों के मुकाबले सर्वाधिक है. महंगाई दर अब तक 12-15 प्रतिशत की दर से घूम रही है और खुदरा महंगाई 6-8 फीसदी के आसपास घूम रही है. इस सरकार ने वादा किया था आय बढ़ाने का, आय तो बढ़ी नहीं. महंगाई बढ़ गई. बढ़ती महंगाई और घटती कमाई के चलते आज देश के आम आदमी को आधार कार्ड नहीं, उधार कार्ड की जरूरत पड़ रही है. आज इस बहस को सुन रहे देश के करोड़ों लोगों को मैं बता रहा हूं कि ये सरकार हम सबको गरीब कर रही है. गरीब सिर्फ वो नहीं है जो सड़कों पर कटोरा लेकर भीख मांग रहा है. हम सब गरीब हो रहे हैं. हम गरीब इसलिए हो रहे हैं, क्योंकि हमारी आमदनी नहीं बढ़ रही लेकिन महंगाई बढ़ती जा रही है. 

भाजपा सरकार ने थालीनॉमिक्स को बिगाड़ा

राघव चड्ढा ने सदन में उदाहरण देते हुए कहा कि जो व्यक्ति महीने में 20 हजार कमाता था और 18 हजार रुपये खर्च करता था. वो महीने में 2 हजार बचाता था. आज उसी व्यक्ति की कमाई तो 20 हजार ही है, लेकिन खर्च बढ़कर 25 हजार रुपये हो गए हैं. यानि कि हर महीने 5 हजार का नुकसान या कहें कि कर्ज. ये परेशानी आज देश का हर आदमी भुगत रहा है. साल 2014 में जब ये सरकार बनी थी, तब पेट्रोल 55 रुपये प्रति लीटर पर बिकता था. आज पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. डीजल तब 45 रुपये प्रति लीटर का था वो डीजल 90 रुपये में बिक रहा है. गैस सिलेंडर 400 रुपये में बिकता था, जब ये सरकार आई थी. आज वो गैस सिलेंडर 1100 रुपये का हो गया है. दूध 36 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति लीटर हो गया है. सीएनजी 40 रुपये से 80 रुपये प्रति लीटर मिल रही है.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर बोला सीधा हमला

राघव चड्ढा ने कहा कि देश में प्याज के दाम 100 रुपये प्रति किलो हो गए थे, तो वित्तमंत्री जी ने कहा कि वो प्याज नहीं खाती हैं. उनसे भले ही मतलब नहीं था. लेकिन माननीय वित्तमंत्री जी दूध, आटा, दाल, चावल तो अवश्य खाती होंगी. इन सबके दाम बढ़ चुके हैं. जीएसटी लगा लगाकर इन्होंने देश की थालीनॉमिक्स यानि खाद्य महंगाई को बिगाड़ दिया. आटा, दाल, चावल सबसे रेट आज आसमान पर पहुंच गए हैं. जिससे खाद्य महंगाई की दर 10 प्रतिशत से 17 प्रतिशत के बीच मंडरा रही है. इस सरकार ने अमीरों को अमीर और गरीबों को गरीब करने का काम किया. 

HIGHLIGHTS

  • राघव चड्ढा ने राज्य सभा में सरकार को घेरा
  • महंगाई और बेरोजगारी के आंकड़ों को रखा सामने
  • हम सब होते जा रहे हैं गरीब: राघव चड्ढा

Source : News Nation Bureau

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