उच्च सदन में चल रहे हंगामे और सभापति द्वारा दी जा रही चेतावनी के सवाल पर आम आदमी पार्टी के नेता एंव राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ( AAP Rajya Sabha MP Raghav Chadha ) ने कहा कि जब केन्द्र में कांग्रेस नीत यूपीए के सरकार हुआ करती थी, तो उस समय विपक्ष में रहते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता सदन में कांग्रेस को घेरते थे. खूब शोर-शराबा और हंगामा किया करते थे. जांच कमेटी बैठाने से लेकर अलग-अलग मुद्दों पर वो खूब अपनी आवाज बुलंद किया करते थे.
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सुषमा स्वराज का दिया उदाहरण
राघव चड्ढा ने बीजेपी नेताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि अरुण जेटली ने एकबार कहा था कि "संसद में रुकावट लोकतंत्र के पक्ष में है" आप नेता ने कहा कि उस समय लोकसभा में नेता विपक्ष की भूमिका निभा रही सुषमा स्वराज ने 7 सितंबर 2012 को कहा था कि संसद को स्थगित करके विरोध दर्ज कराना भी एक लोकतांत्रिक हथियार है, जिसका हम इस्तेमाल कर रहे हैं. सुषमा स्वराज ने कहा था कि सरकार का भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए हमने संसद को स्थगित किया और ये देश के हित में किया गया. उन्होंने कहा मैं आज सत्ता में चूर बीजेपी को उन्हीं के नेताओं द्वारा कही गई बातों को याद दिलाना चाहता हूं.
सदन में अपनी आवाज बुलंद रखेंगे आप नेता
राघव चड्ढा ने कहा कि हम अपनी आवाज उठाने के लिए सभापति जी से विनम्र निवेदन कर सकते हैं कि वो हमें भी अपनी बात रखने का मौका दें. सभापति केवल रूलिंग पार्टी के ही नहीं हैं वो हमारे भी सभापति हैं.
Source : News Nation Bureau