झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली पहुचकर मुलाकात की।
जानकारी के अनुसार, इस बैठक में झारखंड के सभी 18 विधायक, प्रभारी अविनाश पांडेय और संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के साथ दोपहर करीब 3:30 बजे राहुल गांधी के आवास पर शामिल हुए। पार्टी ने शीर्ष नेतृत्व से उनकी गठबंधन की सरकार और संगठन को लेकर चर्चा हुई।
दरअसल, इस दिनों कांग्रेस पार्टी कद्दावर नेता आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद झारखंड में संभावित बिखराव को रोकने की कवायद में जुटी हुई है। इसी को देखते हुए सभी विधायकों को दिल्ली बुलाया गया था। जहां सभी विधायकों ने वन टु वन राहुल गांधी के सामने अपनी बात रखी। हालांकि कुछ विधायकों ने संगठन को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की।
इस बैठक के बाद प्रभारी अविनाश पांडेय ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, सभी विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश की गठबंधन सरकार को लेकर अपने विचार शीर्ष नेतृत्व के सामने रखें। पिछले दिनों बीजेपी ने सरकार को गिराने की जो कोशिश की थी पार्टी झारखंड में संगठन को मजबूत करके लगातार बीजेपी की उस कोशिश को नाकामयाब करती रही है।
वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि कोरोना काल में झारखंड कांग्रेस के नेताओं का राहुल से कोई संवाद नहीं हो पाया था। इसलिए यह बैठक बुलाई गई थी। लंबे समय से कई विधायक कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात करना चाहते थे। इसी शिकायत के मद्देनजर राहुल ने सभी विधायकों को दिल्ली बुलाया था।
हालांकि कुछ विधायकों की मानें तो पिछले दिनों जब प्रभारी अविनाश पांडे दौरे पर झारखंड गए थे तो प्रदेश के नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की इच्छा जताई थी। कुछ नेताओं से उन्हें यह भी शिकायत मिली थी कि प्रदेश की भावना शीर्ष तक नहीं पहुंच रही है।
दरअसल, कई राज्यों में सरकार गिरने के बाद कांग्रेस पार्टी झारखंड को लेकर बेहद सतर्क है। झारखंड में कांग्रेस पार्टी- झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन की सरकार में शामिल है। पार्टी के अब तक प्रदेश प्रभारी रहे आरपीएन सिंह ने कुछ दिन पहले कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम दिया था, जिसके बाद प्रदेश में पार्टी कार्डर को कोई नुकसान न हो इसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने तत्काल प्रभाव से अविनाश पांडेय को नया प्रभारी नियुक्त कर दिया था। इसके बाद प्रदेश संगठन को मजबूत करने के लिए एक समन्वय समिति का भी गठन किया गया था।
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Source : IANS