कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक बार फिर 'राफेल' लेकर आ गए हैं. इस बार उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के ऑडिट में राफेल (Rafale) विमान सौदे के ‘ऑफसेट अनुबंध’ का उल्लेख नहीं होने के दावे पर सरकार पर हमला बोला है, तो भाजपा (BJP) ने पलटवार करते हुए कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) राफेल मुद्दे पर लड़ने का लिए राहुल का स्वागत है. इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस बात पर जोर दिया कि ‘डिफेंस ऑफसेट परफॉर्मेंस’ पर कैग की रिपोर्ट संसद के आगामी सत्र में पेश की जाएगी और फिर इसका विवरण सभी के समक्ष होगा.
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ऑफसेट अनुबंध पर रार
एक अंग्रेजी दैनिक में खबर प्रकाशित होने के बाद राफेल सौदे को लेकर यह नया विवाद शुरू हुआ है. इस खबर में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि कैग ने रक्षा ‘ऑफसेट’ अनुबंधों को लेकर अपनी ‘परफॉर्मेंस ऑडिट’ रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है जिसमें राफेल विमानों की खरीद के संदर्भ में किसी ‘ऑफसेट’ अनुबंध का उल्लेख नहीं है. खबर में ‘ऑडिट से संबंधित लोगों’ के हवालों से यह दावा भी किया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने कैग को सूचित किया है कि राफेल की निर्माता कंपनी दसाल्ट ने कहा है कि अनुबंध के तीन साल पूरा होने के बाद ही वह ऑफसेट साझेदारों के बारे में कोई ब्यौरा साझा करेगी.
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राहुल गांधी ने ट्वीट कर बोला हमला
राहुल गांधी ने खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘राफेल (सौदे) में भारतीय खजाने से पैसे चोरी कर लिए गए.’ कांग्रेस नेता ने महात्मा गांधी के एक कथन का हवाला देते हुए कहा, ‘सत्य एक है, रास्ते अनेक हैं’. राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए रेल मंत्री गोयल ने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी के कई सहयोगी निजी तौर पर यह बताते हैं कि अपने पिता के पापों को धोने के लिए राफेल को लेकर राहुल की जो सनक है, उससे पार्टी को नुकसान हो रहा है. परंतु अगर कोई अपने ही विध्वंस का इंतजार कर रहा है तो शिकायत करने वाले हम कौन होते हैं?’
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बीजेपी ने किया पलटवार
उन्होंने कहा, ‘हम राहुल गांधी को 2024 का चुनाव राफेल के मुद्दे पर लड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं’. इस खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘कैग रिपोर्ट 2020 के बजट सत्र में पेश की जानी थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण सत्र निर्धारित समय से पहले ही खत्म हो गया. अब यह रिपोर्ट अगले सत्र में रखी जाएगी. इसके बाद इसका ब्यौरा सभी को पता चल जाएगा.’ माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस खबर का हवाला देकर सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया किया कि क्या इस सरकार के तहत कोई भी संवैधानिक इकाई स्वतंत्र रह सकती है?
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यह है राफेल सौदा
गौरतलब है कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये के सौदे पर 2016 में हस्ताक्षर किया था. कांग्रेस ने इस सौदे में अनियमितता का आरोप लगाया था, हालांकि 2018 में उच्चतम न्यायालय ने इस सौदे को लेकर सरकार को क्लीनचिट प्रदान की थी. पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे को मुख्य मुद्दा बनाया था और इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला था. उस चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था.