सेना में महिलाओं को स्थायी कमिशन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि भारत की महिलाओं ने बीजेपी सरकार को गलत साबित कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि मैं बीजेपी सरकार को गलत साबित करने और खड़े होने के लिए भारत की महिलाओं को बधाई देता हूं.
राहुल गांधी के इस ट्वीट पर हाईकोर्ट के वकील नवदीप सिंह ने कोर्ट के फैसले पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दे डाली. नवदीप सिंह ने राहुल गांधी को याद दिलाते हुए कहा, 'हाईकोर्ट ने भी यही फैसला दिया था और 2010 में तत्कालीन केंद्र सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी. कोर्ट के फैसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.'
However the appeal against the Delhi HC decision that had granted this benefit to women officers was filed in 2010, when the current govt was not in power. That said, it's my sincere belief that such issues and judicial verdicts must not be politicised.https://t.co/r6S2cox3gB
— Navdeep Singh (@SinghNavdeep) February 17, 2020
दरअसल, राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए सोमवार को दावा किया कि शीर्ष अदालत ने नरेंद्र मोदी की महिला विरोधी सोच और महिलाओं के प्रति उसके पूर्वाग्रह को खारिज कर दिया है.
बीजेपी सरकार को महिलाओं ने साबित किया गलत
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत में जो दलील दी वह देश की हर महिला का अपमान है. गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'सरकार ने उच्चतम न्यायालय में यह दलील देकर हर महिला का अपमान किया है कि महिला सैन्य अधिकारी कमान मुख्यालय में नियुक्ति पाने या स्थायी सेवा की हकदार नहीं हैं क्योंकि वे पुरुषों के मुकाबले कमतर होती हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी सरकार को गलत साबित करने और खड़े होने के लिए भारत की महिलाओं को बधाई देता हूं.'
मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी को लिया निशाने पर
वहीं, बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, '2014 से पहले जो सरकार ने किया था और जो हम कर रहे हैं वो साफ है. मोदी सरकार ने 2018 में ही परमानेंट कमीशन देने के लिए एफिडेविट दिया था.'
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उन्होंने आगे कहा कि सभी जजो को भी धन्यवाद देती हूं जिन्होंने आदेश पारित किया था. कांग्रेस ने जो हलफनामा फाइल किया था उससे साफ है कि कौन अड़ंगा लगाना चाहता था.
सुप्रीम कोर्ट का क्या है फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर मुहर लगाते हुए सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमिशन देने का फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर कोई महिला अफसर स्थायी कमिशन चाहती है तो उसे इससे वंचित नहीं किया जा सकता.
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सैन्य बलों में लैंगिक भेदभाव खत्म करने पर जोर देते हुये उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सेना में महिला अधिकारियों के कमान संभालने का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि तीन महीने के भीतर सारी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाये.
हाई कोर्ट ने 2010 में दिया था यही फैसला
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2010 में शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत सेना में आने वाली महिलाओं को सेवा में 14 साल पूरे करने पर पुरुषों की तरह स्थायी कमिशन देने का आदेश दिया था. मनमोहन सिंह सरकार ने 6 जुलाई 2010 को सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी.