Modi Surname Case: मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद देश की शीर्ष अदालत ने इस मामले में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा पर रोक लगा दी है. सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से कई तर्क दिए गए हैं.
उन्होंने कोर्ट से कहा कि, यह जमानती अपराध है. ये किसी भी समाज के खिलाफ जुर्म का केस नहीं बनता है. ना ही ये रेप या मर्डर है. यही नहीं सिंघवी ने अदालत में ये भी कहा कि, ये कोई किडनैपिंग का केस भी नहीं है. लिहाजा इसमें सजा कम भी दी जा सकती थी.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से किए सवाल
शीर्ष अदालत ने मोदी सरनेम मामले में याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी के वकील से भी सवाल किए. कोर्ट ने वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि राहुल गांधी को अधिकतम सजा दिए जाने के पीछे आपका क्या ग्राउंड है. इस मामले में सजा दो साल से कम भी तो दी जा सकती है.
ऐसे में राहुल गांधी की सांसदी भी बनी रहती और क्षेत्र की जनता ने जो उन्हें वोट देकर जो अधिकार दिए हैं वो भी बने रहते.
संसद सत्र में ले सकेंगे हिस्सा
सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाए जाने के बाद अब राहुल गांधी सांसदी भी बहाल हो गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि वह संसद के मॉनसून सत्र में भी हिस्सा ले सकेंगे. हालांकि ये रोक तब तक ही रहेगी जबतक कोर्ट में अपील लंबित रहेगी.
क्या बोली कांग्रेस
सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस खेमे में भी खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. कांग्रेस ने इसे नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत बताया है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर सत्यमेव जयते-जयहिंद जैसे नारे भी लिखे हैं.
बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बैंच ने की. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को यह भी कहा कि आखिर याचिकाकर्ता का पूरा नाम पूर्णेश भुताला है तो ये केस ही नहीं कैसे बन सकता है. यही नहीं राहुल के वकील ने ये तर्क भी दिया कि जिन लोगों के राहुल गांधी ने नाम लिए थे उनमें से किसी ने भी केस नहीं किया है.
Source : News Nation Bureau