केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 'एक राष्ट्र, एक भाषा' की वकालत किए जाने और लोगों से हिंदी का अधिक इस्तेमाल करने के लिए कहे जाने के दो दिन बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को शाह के बयान की निंदा की और कहा कि भाषाओं की बहुलता भारत की कमजोरी नहीं है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "उड़िया, मराठी, कन्नड़, हिंदी, तमिल, अंग्रेजी, गुजराती, बांग्ला, उर्दू, पंजाबी, कोंकणी, मलयालम, तेलुगू, असमी, बोडो, डोगरी, मैथिली, नेपाली, संस्कृत, कश्मीरी, सिंधी, संथाली, मणिपुरी. भारत की कई सारी भाषाएं उसकी कमजोरी नहीं हैं."
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राहुल गांधी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पूरे देश में शाह की टिप्पणी 'एक राष्ट्र, एक भाषा' को लेकर हंगाम मचा हुआ है. शाह की टिप्पणी के बाद दक्षिणी राज्यों में कई संगठनों और लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं. डीएमके और अन्य सहित कई विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार की निंदा की है. जम्मू एवं कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद भाजपा का ध्यान अब 'एक राष्ट्र, एक भाषा' के अपने वादे पर है.