राहुल गांधी बोले- PM अपने मित्रों को देश की संपत्ति बेच रहे, लेकिन...

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने मंगलवार को मोदी सरकार (Modi Government) पर हमला बोला है. उन्होंने प्रेसवार्ता कर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने मित्रों को देश की संपत्ति बेच रहे हैं.

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Deepak Pandey
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राहुल गांधी की प्रेसवार्ता( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने मंगलवार को मोदी सरकार (Modi Government) पर हमला बोला है. उन्होंने प्रेसवार्ता कर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने मित्रों को देश की संपत्ति बेच रहे हैं. सड़क मार्ग, रेलवे, बिजली क्षेत्र, पेट्रोलियम पाइप लाइन, टेलिकॉम, वेयरहाउसिंग, खनन, एयरपोर्ट, पोर्ट, स्टेडियम ये सब किसको दिया जा रहा है? इन सबको बनाने में 70 साल लगे हैं. ये 3-4 लोगों को दिया जा रहा है, आपका भविष्य बेचा जा रहा है. 3-4 लोगों को तोहफे में दिया जा रहा है.

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राहुल गांधी ने कहा कि हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, हमारा निजीकरण तार्किक था. घाटे वाली कंपनी का निजीकरण करते थे ना कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण विभाग की. अब निजीकरण मोनोपोली बनाने के लिए किया जा रहा है. मोनोपॉली से रोजगार मिलना बंद हो जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी का नारा था 70 साल में कुछ नहीं हुआ. सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 70 सालों में जो पूंजी बनी थी उसे बेचने का निर्णय लिया.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मतलब पीएम नरेंद्र मोदी ने सबकुछ बेच दिया है. रोजगार छीना, कोरोना में मदद नहीं की, किसानों के लिए कानून बनाए. मोदी अपने दो-तीन उद्योगपति मित्रों के साथ देश के युवाओं पर आक्रमण कर रहे हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान- सरकार के पास रहेगा संपत्ति का मालिकाना हक

आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman)  ने सोमवार को नई दिल्ली में नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्लान को लॉन्च किया था. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (National Monetization Pipeline) के जरिए इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स (infrastructure assets) की ऐसी एक सूची तैयार की जाएगी, जिसे सरकार (Government) को अगले 4 साल में बेचना है. उन्होंने कहा कि इसके जरिये अगले चार वर्षों में विनिवेश किए जाने वाली सरकार की बुनियादी ढांचा संपत्तियों की सूची तैयार की जाएगी. वित्त मंत्रालय का लक्ष्य इसके जरिये 6 लाख करोड़ रुपये जुटाना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्लान के लॉन्चिंग के मौके पर जानकारी देते हुए कहा कि सरकार अंडर-यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही सिर्फ बेचेगी. हालांकि उन्होंने कहा कि संपत्ति का मालिकाना हक सरकार के पास रहेगा.

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वित्त मंत्री ने आगे कहा कि निजी भागीदारी लाकर, हम इसे (परिसंपत्तियों) का बेहतर मुद्रीकरण करने जा रहे हैं और मुद्रीकरण से आपको जो भी संसाधन मिले हैं, आप बुनियादी ढांचे के निर्माण में और निवेश करने में सक्षम हैं. इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन ब्राउनफील्ड संपत्तियों के बारे में बात करती है जहां निवेश पहले से ही किया जा रहा है, जहां संपत्ति या तो पूरी तरह से मुद्रीकृत या कम उपयोग नहीं हुई है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस दौरान एक वाकया का जिक्र करते हुए कहा कि जिनके मन में यह सवाल है - क्या हम जमीन बेच रहे हैं? नहीं, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्लान ब्राउनफील्ड संपत्तियों के बारे में बात कर रही है. जिन्हें बेहतर मुद्रीकृत करने की आवश्यकता है. बता दें कि उक्त बातें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के लॉन्चिंग के मौके पर कही. 

नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के लॉन्चिंग के मौके पर बात करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संपत्ति के स्वामित्व के मुद्दें पर उठ रहे सवाल पर कहा कि संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा है. 

Source : News Nation Bureau

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