कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को आम बजट और किसान आंदोलन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने ये बजट सिर्फ एक प्रतिशत आबादी के लिए ही बनाया है. सरकार को आम आदमी के हाथ में पैसे देना चाहिए. उन्होंने कृषि कानून को लेकर कहा कि चाहे जो हो जाए, लेकिन किसान पीछे नहीं हटेंगे. फायदा इसी में है कि सरकार अभी पीछे हट जाए.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या किसान दुश्मन हैं जो सरकार किलाबंदी कर रही है? केंद्र सरकार निजीकरण कर देशवासियों का पैसा कुछ लोगों में बांट रही है. इस समय लोगों के हाथ में पैसे देने की जरूरत है. अगर सरकार न्याय योजना लागू करती तो अर्थव्यवस्था सुधरती, लेकिन सरकार सप्लाई चेन की ओर पैसे दे रही है. इससे जनता को कोई फायदा नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि चीन भारत में हजारों किमी तक घुस आया, लेकिन मोदी सरकार ने बजट में रक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया. इससे चीन को मैसेज पहुंचा है कि भारत अपने रक्षा के क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं कर रहा है. इससे जवानों में यही संदेश जाएगा कि सरकार सिर्फ एक फीसदी लोगों को हमारे हिस्से का पैसा दे रही है.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि लद्दाख में हमारे जवान ठंड में ठिठुर रहे हैं, लेकिन सरकार बजट में उनके लिए कुछ करोड़ रुपये बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि सरकार सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर है.
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राहुल गांधी ने किसानों को आतंकी बताने से जुड़े एक सवाल पर कहा कि जो देश के 60 फीसदी किसान हैं वे सभी आतंकवादी है और सिर्फ आरएसएस के लोग ही ठीक है. सरकार सिर्फ अपने 4-5 मित्रों के लाभ के बारे में सोच रही है. उन्होंने आगे कहा कि लाल किले में अगर किसी ने गलत काम किया तो वह गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है. गृह मंत्रालय को बताना चाहिए कि लाल किले में ऐसे लोग कैसे घुसे. राहुल गांधी ने कहा कि स्थिति अब सरकार के हाथ से बाहर जा रही है
उन्होंने आगे कहा कि आप अगर अपनी अर्थव्यवस्था को खराब कर लेते हैं, सीमा पर आपके सामने खड़ा दुश्मन है, आप देश की मजबूती को कमजोर कर रहे हैं तो आप देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं और ये स्थिति हमारे हाथ से बाहर जा रही है. ये देश अपना नेतृत्व खो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अब प्रधानमंत्री किसी और ही तरफ जा रहे हैं. उन्हें चाहिए कि किसानों से वह गले मिलें और उनसे पूछें कि मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं, लेकिन उनका ध्यान इस वक्त कहीं और ही है.
Source : News Nation Bureau