कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर डोकलाम विवाद को लेकर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि चीन अभी भी डोकलाम में मौजूद है। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष ने डोकलाम विवाद पर विदेश मामलों के संसदीय समिति के साथ हुई चर्चा के बारे में जानकारी देने से इंकार किया। लंदन में भारतीय पत्रकारों के संघठन के साथ बातचीत में डोकलाम मुद्दे पर जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'चीनी सेना अब भी डोकलाम में हैं और वहां पर बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल ही में चीन गए लेकिन डोकलाम मुद्दे पर उनसे बातचीत नहीं की।'
राहुल गांधी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री वहां बिना किसी एजेंडा के चले गए। कुछ लोग यहां आते हैं और आपके चेहरे पर थप्पड़ मारते हैं और आप बिना किसी एजेंडे के बातचीत कर के आ जाते हैं।'
राहुल गांधी से जब यह पूछा गया कि वह संसदीय समिति का हिस्सा थे और विदेश सचिव के साथ बातचीत हुई तो क्या उस डोकलाम रिपोर्ट के बारे में बता सकते हैं, इस पर राहुल ने कहा, 'यह एक पेचीदा सवाल है इसलिए मैं नहीं बता सकता है। मैं संसदीय विशेषाधिकार से बंधा हुआ हूं इसलिए नहीं बता सकता कि रिपोर्ट में क्या था।'
राहुल गांधी ने कहा, 'लेकिन मैं यह बता सकता हूं कि विदेश सचिव और रक्षा सचिव के साथ डोकलाम पर बातचीत हुई थी। लेकिन अंदर क्या बातें हुई इसके बारे में बाहर नहीं बता सकता हूं।'
विदेश मामलों पर 19 सदस्यों वाली संसदीय समिति की अध्यक्षता सांसद शशि थरूर कर रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी ने कहा था कि डोकलाम विवाद को दूर किया जा सकता था अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा बीजेपी सरकार इस मुद्दे को अधिक कर्मठता से डील करती।
एक दिन पहले लंदन के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक संवाद के दौरान डोकलाम गतिरोध का समाधान करने में भारत सरकार के तरीके की आलोचना की थी और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार के पास चीन और पाकिस्तान का सामना करने के लिए सामंजस्यपूर्ण नीति का अभाव है।
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राहुल गांधी के डोकलाम विवाद पर दिए बयान के बाद विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर ने कहा, 'जो लोग ऐसी बात कर रहे हैं, उनके लिए मैं कोई कठोर शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता हूं, क्योंकि वह उचित नहीं होगा, लेकिन उन्होंने साफ तौर पर यह साबित कर दिया है कि उनके पास कोई ज्ञान, समझ और शासन को समझने की बुद्धि नहीं है।'
गौरतलब है कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान डोकलाम मुद्दे पर टीएमसी सांसद सुगाता बोस के प्रश्न के जवाब में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि पीएम मोदी का वुहान दौरा पारस्परिक भरोसे और सहयोग को बढ़ाने पर था और डोकलाम मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई थी।
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प्रधानमंत्री मोदी ने इसी साल अप्रैल में चीन के वुहान शहर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक मुलाकात की थी जिसमें कहा गया था कि दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा पर शांति बहाल रखने का संकल्प लिया था लेकिन संसद सत्र में सुषमा स्वराज का जवाब ठीक विरोधाभासी था।
बता दें कि पिछले साल 2017 में भारत-चीन सीमा क्षेत्र में सिक्किम के डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा है। अगस्त में बातचीत के बाद गतिरोध दूर हुआ था।
Source : News Nation Bureau