Rahul Gandhi in Manipur: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को मणिपुर में राहत शिविरों के अपने दौरे का एक वीडियो 'एक्स' पर शेयर किया, जिसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से जातीय हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करने का आग्रह किया. पांच मिनट लंबे इस वीडियो में कांग्रेस सांसद ने बताया कि, मणिपुर अभी भी संकट (Manipur violence) में है. राहुल गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि, ''घर जल रहे हैं, निर्दोष लोगों की जान खतरे में है और हजारों परिवार राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं.''
गौरतलब है कि, मई 2023 में हिंसा भड़कने के बाद राहुल गांधी का ये तीसरी मणिपुर दौरा है. उन्होंने कहा है कि, राज्य आज भी दो हिस्सों में बंटा है. इसके साथ ही गांधी ने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) से व्यक्तिगत रूप से राज्य का दौरा करने, लोगों की समस्याएं सुनने और शांति की अपील करने का आग्रह किया है.
यहां वीडियो देखिए:
राहुल गांधी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में वह मणिपुर के लोगों को सांत्वना देते नजर आ रहे हैं. साथ ही वह राज्य में जातीय झड़पों के बारे में अपना दुख व्यक्त कर रहे हैं. इस वीडियो में राज्य के जिरीबाम राहत शिविर की महिलाओं में से एक कहती है कि, उसकी दादी अभी भी संघर्ष की जगह पर फंसी हुई है और उन्हें उसके ठिकाने के बारे में नहीं पता है. वो कहती हैं कि, अगर हम उनसे संपर्क भी करें तो, न तो वह यहां आ सकती हैं, न ही हम वहां जा सकते हैं.
वहीं असम के थलाई में स्थित एक राहत शिविर में एक महिला ने कहती नजर आ रही हैं कि, चिकित्सकीय लापरवाही के कारण उसने अपने भाई को खो दिया है. उसने कहा कि उसके भाई की जान इसलिए चली गई क्योंकि सरकार की ओर से पर्याप्त चिकित्सा देखभाल उपलब्ध नहीं थी. इसपर राहुल गांधी ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी शिविर में दवाओं के लिए मदद करेगी.
अगर सरकार चाहे तो...
राहुल गांधी ने मणिपुर के चुराचांदपुर में एक राहत शिविर में कहा कि, "अगर सरकार इसे (संघर्ष) खत्म करना चाहती है, तो यह बहुत जल्दी खत्म हो सकता है."
क्या हू पूरा मामला?
3 मई को, मणिपुर उच्च न्यायालय के राज्य सरकार को अनुसूचित जनजाति सूची में मेइतेई को शामिल करने पर विचार करने के निर्देश के विरोध कुकी के नेतृत्व में एकजुटता मार्च के बाद चुराचांदपुर में कुकी और मेइतेई के बीच संघर्ष शुरू हुआ, जिसने देखते ही देखते हिंसा का रूप ले लिया और पूरे राज्य को प्रभावित किया. कथित तौर पर इस हिंसा में 220 से अधिक लोगों की जान चली गई.
Source : News Nation Bureau