केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने भारत-चीन सीमा गतिरोध (India-China stand-off) के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर फिर निशाना साधा है. कानून मंत्री केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री से कह रहे हैं कि चीन बॉर्डर के संवेदनशील मुद्दे को पब्लिक में साझा करे. क्या यह उचित है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री से संवेदनशील चीन सीमा मुद्दों के बारे में सार्वजनिक तथ्यों को साझा करने के लिए कह रहे हैं. मुझे लगता है कि राहुल जी के पास एक समानांतर सूचना प्रणाली है. क्या वह डोकलाम संकट के दौरान चीनी दूत से नहीं मिले थे? शुरू में उन्होंने इसेसे मना कर दिया गया लेकिन सार्वजनिक रूप से हंगामा करने के बाद इसे स्वीकार कर लिया था.'
बीजेपी नेता ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के समय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, विदेशियों से बातचीत के दौरान जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं, उससे भारत की छवि खराब हो रही है और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए .
इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास को बम से उड़ाने की धमकी, बढ़ाई गई सुरक्षा
इधर शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने अपने बयान में कहा, ‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी कब तक भारत को इस तरह से बदनाम करते रहेंगे ? वे कोरोना वायरस संकट के दौरान विदेशियों सहित अन्य लोगों से बात करते हैं और जिस तरह की भाषा का उपयोग करते हैं...वह दुर्भाग्यपूर्ण है .’
उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राजनयिक निकोलस बर्न्स से बातचीत के दौरान राहुल (Rahul) ने जिस तरह का संदेश देने का प्रयास किया, उससे भारत की छवि खराब हुई है. हुसैन ने कहा कि उनका (राहुल) यह कहना कि भारत में सहिष्णुता खत्म हो रही है... यह गलत है और इससे दुनिया में गलत संदेश जाता है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘आज भी भारत में सर्व धर्म सम भाव है. आज भी भारत में जितनी एकता और एकजुटता है, वह पूरे दुनिया में मिसाल है .'
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए हुसैन ने कहा कि अमेरिका में गोरे और काले के बीच तनाव की तुलना भारत से करना ... अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी को इसके लिये देश से माफी मांगनी चाहिए .’
बीजेपी नेता ने कहा कि अपने देश को इस तरह से बदनाम नहीं करना चाहिए. जिस तरह की भाषा राहुल ने बोली है, उससे देश की छवि खराब हुई है. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने निकोलस बर्न्स से बातचीत के दौरान कहा कि अमेरिका और भारत एक जैसे हैं क्योंकि हम सहिष्णु हैं. हमारा डीएनए सहिष्णु माना जाता है, हम नये विचारों को स्वीकार करने वाले हैं. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि वो अब गायब हो रहा है. यह काफी दुखद है कि मैं उस स्तर की सहिष्णुता को नहीं देखता जो मैं पहले देखता था. ये दोनों ही देशों (भारत और अमेरिका) में नहीं दिख रही.
Source : News Nation Bureau