लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बार दो सीट से चुनाव में खड़े थे. उन्होंने रायबरेली सीट पर बड़े अंतर से जीत हासिल की है. मगर अब वे दुविधा में हैं क्योंकि इसमें से एक सीट को उन्हें छोड़ना पड़ेगा. इस फैसले के लिए अब मात्र दो दिन का समय शेष रह गया है. दोनों ही सीट राहुल गांधी के लिए खास हैं. रायबरेली कांग्रेस का गढ़ रही है. यहां से गांधी परिवार के कई दिग्गज चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं वायनाड ऐसी सीट है, जिसने 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की लाज बचाई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वे दो सीटों पर खड़े हुए थे, इसमें वह अमेठी सीट से हार गए थे.
अपना परिवारिक रिश्ता बता चुके हैं
इस बार के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को वायनाड और अमेठी दोनों ही सीट पर जीत मिली है. ऐसा कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी की वायनाड से लोकसभा उम्मीदवारी करीब-करीब तय मानी जा रही है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि राहुल दोनों सीटों से अपना परिवारिक रिश्ता बता चुके हैं. हालांकि वे रायबरेली से ज्यादा वोटों से जीते हैं. ऐसे में वह प्रियंका के जरिए कम वोटों से जीती वायनाड पर पारिवारिक रिश्ता बने रहने की कोशिश कर सकते हैं.
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इस बार लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरा पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जनता से अपने बेटे को सौंपने जैसा बयान दिया था. ऐसा आकलन लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी रायबरेली की सीट अपने पास रखने वाले हैं. सोनिया गांधी ने प्रचार के दौरान कहा था कि ये सीट परिवार की 121 साल की परंपरा में आती है. ऐसे में राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रह सकते हैं.
14 दिन अंदर लेना होगा फैसला
नियम कहते हैं कि जब कोई उम्मीदवार चुनाव में दो सीट से चुनाव लड़ता है और अगर उसे दोनों सीटों पर जीत मिलती है तो उसे परिणाम आने के 14 दिन के अंदर एक सीट छोड़नी पड़ेगी. ऐसे में कहा जा रहा है कि राहुल गांधी दो दिनों के अंदर वायनाड सीट को छोड़ने की घोषणा कर सकते हैं.
वायनाड के मुकाबले रायबरेली में राहुल की बड़ी जीत
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को वायनाड के साथ रायबरेली सीट पर बड़ी जीत हासिल हुई. मगर वायनाड की तुलना में राहुल गांधी को रायबरेली में अधिक मत मिले. यहां पर वे बड़े अंतर से जीते. रायबरेली में राहुल गांधी को 3,90,030 वोट मिले, वहीं वायनाड में 364422 वोटों से जीत मिली है. राहुल गांधी के लिए रायबरेली सीट इसलिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसी के पास अमेठी सीट पर उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. अब रायबरेली सीट से सोनिया गांधी सांसद रह चुकी हैं. 2004 से 2019 तक वे लगातार यहां से जीतती रही हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद बन गईं. इसके बाद सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को अपनी जगह उतारने का निर्णय लिया था.
Source : News Nation Bureau