केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने गुरुवार को रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan) किया. कर रहे हैं. पंजाब, हरियाणा और बिहार में इस आंदोलन का असर रहा है, जबकि बाकी प्रदेशों पर शांतिपूर्ण रहा. इसे लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सीधी सी बात है- तीनों कृषि विरोधी क़ानून रद्द करो. समय नष्ट करके मोदी सरकार अन्नदाता को तोड़ना चाहती है. लेकिन ऐसा होगा नहीं. सरकार के हर अन्याय के ख़िलाफ़ अबकी बार किसान व देश तैयार.
आपको बता दें कि इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसान को सख्त शब्दों में कहा है कि मांगों को माने जाने तक हम हटने को तैयार नहीं हैं. हरियाणा के खरक पूनिया में राकेश टिकैत ने कहा, सरकार को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि किसान अपनी फसल की कटाई के लिए वापस लौट जाएंगे. यदि इसके लिए जोर दिया गया तो वे अपनी फसल को जला देंगे. किसान नेता टिकैत ने कहा, 'उन्हें (आशय सरकार से है) यह नहीं समझना चाहिए कि प्रदर्शन दो महीने में खत्म हो जाएगा. हम फसल काटने के साथ विरोध भी करते रहेंगे.
यूपी में 'रेल रोको' आंदोलन का असर नहीं, सुबह से पुलिस रही तैनात
उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनकारी किसानों द्वारा किए गए 'रेल रोको' आह्वान का असर उत्तर प्रदेश में नगण्य रहा. मेरठ, बलिया, प्रयागराज, मथुरा, बहराइच, बिजनौर, अमेठी और अलीगढ़ में ट्रेनों को रोकने के लिए किसानों ने प्रयास किए, लेकिन उनके प्रयासों को सतर्क पुलिसकर्मियों ने नाकाम कर दिया. खबरों के मुताबिक, किसान मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचे और पटरियों पर चादर बिछा दी. उन्होंने वहां कुछ देर तक हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हटा दिया.
प्रयागराज में, किसानों को रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने से रोका गया. उन्होंने बाहर सड़क पर खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने बाद में एक जुलूस निकाला गया, जिसमें मांग की गई कि खेत कानूनों को निरस्त किया जाए. बलिया में, किसानों को रेलवे स्टेशन के बाहर प्रदर्शन के बाद रोक दिया गया. गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 'रेल रोको' आह्वान का कोई असर नहीं हुआ.
Source : News Nation Bureau