कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर के फटने और बाढ़ आने की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रभावित लोगों की मदद करने का आग्रह किया. राहुल ने ट्विटर का सहारा लेते हुए कहा, "चमोली जिले में आईआपदा दुखद है और उत्तराखंड के लोगों के प्रति दिल से मेरी संवेदना है. राज्य सरकार को प्रभावित लोगों की तुरंत मदद करनी चाहिए, यहां तक कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी जरूरतमंद लोगों की मदद करेंगे." रविवार को चमोली जिले के जोशीमठ में एक ग्लेशियर टूट गया, जिस से धौली गंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई और इसके किनारे रहने वाले लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया.
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड की त्रासदी वॉटर पॉकेट के फटने का हो सकता है ये परिणाम
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीटी) के अधिकारियों ने बताया कि लगभग 10 बजे कुछ बादलों के फटने या जलाशय में दरार आने से धौली गंगा में बाढ़ आ गई. यह गंगा नदी के छह स्रोत धाराओं में से एक है. 85 किलोमीटर लंबी यह नदी उत्तराखंड में जोशीमठ पर्वत के निचले हिस्से विष्णुप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है. ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना में काम करने वाले कई मजदूर आपदा के बाद लापता हो गए हैं. आईटीबीपी और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों को फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थिति का जायजा लेने और बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए एक आपात बैठक बुलाई है.
यह भी पढ़ें : तपोवन की दूसरी सुरंग में भी कई लोग फंसे, मलबा हटाने में जुटी ITBP
नौसेना की 7 गोताखोर टीम, आईएएफ स्टैंडबाय पर
दरअसल, भारतीय नौसेना की सात गोताखोर टीमें रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो के लिए स्टैंडबाय पर हैं. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अनुसार इस घटना में कम से कम 150 लोग मारे गए हैं. रविवार सुबह जोशीमठ के पास ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर के टूटकर गिर जाने से नदी में अचानक बाढ़ आ गई.
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद सेना ने शुरु किया बचाव अभियान
भारतीय सेना को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाने के लिए राहत कार्यो में लगाया गया है. जवानों को धौलीगंगा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर भेजा गया है, जहां बड़े पैमाने पर बाढ़ आई थी. सेना के एविएशन विंग को भी हवाई सर्वेक्षण करने और फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए सेवा में लगाया गया है. सेना के एक अधिकारी ने कहा, "एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और दो चीता हेलीकॉप्टर क्षेत्र के लोगों को निकाल रहे हैं."
भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "भारतीय वायु सेना के सी-130 और एएन-32 विमान का इस्तेमाल राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों को एयरलिफ्ट करने के लिए किया जा रहा है."
Source : IANS