कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरनेम (Modi Surname) मानहानि मामले में दोषी पाए जाने और इस आधार पर लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शनिवार को पहली बार एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'मैं बिल्कुल शुरुआत से से शुरू कर रहा हूं. मैंने केवल अडानी जी से जुड़ा एक सवाल पूछा था. अडानी जी का बुनियादी ढांचा व्यवसाय है, लेकिन पैसा उनका नहीं है. मैं मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के आधार पर केवल यह जानना चाहता था रुपये किसका है. नरेंद्र मोदी और अडानी का कोई नया संबंध नहीं है. यह तब से शुरू हुआ जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. लोकसभा में मेरा भाषण रोका गया और अंततः हटा दिया गया. इस पर मैंने स्पीकर को एक विस्तृत पत्र भी लिखा.'
भाजपा सदस्यों ने मेरे बारे में झूठ बोला
उन्होंने कहा, 'उसके बाद से भाजपा के सदस्य मेरे बारे में झूठ बोलने लगे कि मैंने भारत में विदेशी मदद मांगी. यह सबसे हास्यास्पद बयान है. ऐसा एक भी बयान नहीं दिया गया. इसके बजाय मैंने कहा कि यह भारत की समस्याएं हैं. मैंने स्पीकर को पत्र लिखा कि संसद में बोलने का अवसर पाने का मेरा अधिकार. इस पर मुझे कोई जवाब नहीं मिला.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं स्पीकर साहब के कक्ष में गया और पूछा कि वह मुझे बोलने की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि वह इसकी अनुमति नहीं दे सकते. उन्होंने मुझे अपने साथ एक कप चाय पीने के लिए कहा. मैं यहां लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए हूं. गरीबों की आवाज उठाने के लिए हूं. मैं उनसे डरता नहीं हूं. यह मेरे इतिहास में नहीं है. मैं पूछता रहूंगा कि अडानी और नरेंद्र मोदी के बीच क्या संबंध है.'
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समझें कि मैं अयोग्य क्यों ठहराया गया
राहुल गांधी ने कहा, 'उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है क्योंकि पीएम मोदी अडानी पर मेरे अगले भाषण से डरे हुए हैं. मैंने इस डर को उनकी आंखों में देखा है.' राहुल गांधी ने समर्थन देने वाले सभी विपक्षी दलों को धन्यवाद देते हुए कहा कि 'मोदी की घबराहट की प्रतिक्रिया से विपक्ष को सबसे ज्यादा फायदा होगा.' उन्होंने कहा, 'हम मिलकर काम करेंगे.'
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हमेशा के लिए अयोग्य हो जाऊं तो भी परवाह नहीं'
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें परवाह नहीं है कि वह संसद के अंदर हैं या बाहर.उन्होंने कहा, 'मुझे स्थायी रूप से अयोग्य होने पर भी परवाह नहीं है, क्योंकि मेरी तपस्या लोगों के लिए काम करना है. मुझे जीवन भर के लिए अयोग्य घोषित करें, मुझे जेल में डाल दें.' राहुल गांधी ने कहा कि मुद्दा ओबीसी का नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अपने मोदी सरनेम वाली टिप्पणी पर पछतावा है राहुल गांधी ने कहा, 'मैं इसके कानूनी पहलू पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन मैं जो भी कहता हूं उस पर सोचता हूं और फिर कहता हूं.'
HIGHLIGHTS
- मैं यहां लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए हूं
- मेरी तपस्या लोगों के लिए काम करना. उससे पीछे नहीं रहूंगा
- मैं जो भी कहता हूं उस पर सोचता हूं और फिर कहता हूं