कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हावर्ड कैनेडी स्कूल के एम्बेसडर निकोलस बर्न्स के साथ वर्चुअल बातचीत में बीजेपी पर बड़े आरोप लगाए और अमेरिका की चुप्पी पर सवाल उठाए. उन्होंने बर्न्स के साथ बातचीत में कहा कि बीजेपी ने देश की अहम संवैधानिक संस्थाओं को अपने कब्जे में ले लिया है. बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो वह विकास दर (ग्रोथ) की बजाय जॉब यानी नौकरियों पर फोकस करते. उन्होंने विपक्षी पार्टियों के चुनाव में हार को लेकर कहा कि बीजेपी आर्थिक तौर पर और मजबूत हुई है और मीडिया पर उसका प्रभुत्व बढ़ा है जिसकी वजह से विपक्षी पार्टियां चुनाव नहीं जीत पा रही हैं.
यह भी पढ़ेंः लॉकडाउन नहीं विशेषज्ञ इसे मान रहे कोरोना रोकने का कारगर हथियार
राहुल गांधी से जब पूछा गया कि प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलने पर उनकी आर्थिक नीति क्या होगी तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह नौकरियों के सृजन पर जोर देंगे. उन्होंने कहा, 'मैं केवल विकास-केंद्रित विचार से नौकरी-केंद्रित विचार की ओर बढ़ना चाहूंगा. मैं कहना चाहूंगा कि हमें विकास की जरूरत है, मगर उत्पादन, रोजगार सृजन (जॉब क्रिएशन) और वैल्यू एडिशन को आगे बढ़ाने के लिए हम सब कुछ करने जा रहे हैं.'
संस्थाओं की नाकामी से हो रहा है जनआंदोलन
राहुल गांधी ने बर्न्स से बातचीत के दौरान कहा कि देश की अहम संस्थाओं की विफलता के चलते ही लोग जनआंदोलन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. किसान आंदोलन इसका उदाहरण है. राहुल गांधी ने कहा कि असम में कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान संभालने वाले शख्स ने बीजेपी के लोगों की वोटिंग मशीन के साथ वीडियो तक भेजी है लेकिन ये राष्ट्रीय मीडिया में कहीं मुद्दा ही नहीं है.
यह भी पढ़ेंः मार्च में दिखा कोरोना का ट्रेलर, असली लहर तो अभी आनी बाकी है?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में संस्थागत ढांचे पर सत्तापक्ष की तरफ से पूरी तरह कब्जा कर लेने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबला सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार संस्थाएं अपेक्षित सहयोग नहीं दे रही हैं. उन्होंने अमेरिकी के जानेमाने शिक्षण संस्थान 'हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के छात्रों के साथ ऑनलाइन संवाद में असम विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के एक विधायक की कार से ईवीएम मिलने का भी उल्लेख किया. इस कार्यक्रम की मेजबानी अमेरिका के पूर्व राजनयिक निकोलस बर्न्स ने की.