कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर एक साथ दो निशाना साधते हुए नोटबंदी को 'घोटाला' करार दिया और राफेल विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'झूठ बोलने' का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि नोटबंदी का मुख्य मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते 15-20 बड़े पूंजीपतियों को कर्ज से उबारना और उनके काले धन को सफेद करना था।
विपक्ष यह बात शुरू से कहता रहा है, लेकिन सरकार नोटबंदी को भ्रष्टाचार मिटाने का नुस्खा बताकर जनता को भरमाती रही। अब धीरे-धीरे झूठ से पर्दा हट रहा है। नोटबंदी फ्लॉप हो गई, इसलिए सरकार या बीजेपी अब इसका जिक्र तक नहीं करती, इसे उपलब्धियों में शामिल नहीं करती।
कांग्रेस के मुख्यालय में आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए नोटबंदी को जानबूझकर लोगों पर किया गया हमला करार दिया और कहा कि इसका मकसद भारत के सबसे अमीर और भ्रष्ट लोगों को उनके कालेधन को सफेद करने का मौका देना था। इसके लिए गरीबों की जेब से पैसे निकाले गए और अमीरों को दिए गए।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बुधवार की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए राहुल ने 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट को अचानक 8 नवंबर, 2016 को रद्द करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाया।
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विमुद्रीकृत 99.3 फीसदी रकम बैंक के पास वापस आई।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस नोटबंदी से कालेधन और नकली नोटों की समस्या से मुक्ति, भ्रष्टाचार का उन्मूलन और आतंकवाद पर रोक जैसे किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो पाई। नोटबंदी के बाद देश के लोगों को महीनों सड़क पर खड़ा कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी का सबसे ज्यादा छोटे और मझौले कारोबार पर असर पड़। लाखों लोगों का रोजगार छिन गया।
राहुल ने कहा, 'माफी भूल के लिए मांगी जाती है, लेकिन नोटबंदी कोई भूल नहीं थी। यह आपके ऊपर जानबूझकर किया गया हमला था। आपके पैरों पर कुल्हाड़ी मारी गई। किसी झांसे में न रहें, यह गलती नहीं थी। यह जानबूझकर आपको बर्बाद कर अमेजॉन जैसे बड़े कारोबारियों के लिए रास्ते खोलने की कवायद थी।'
मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए गांधी ने कहा कि एनपीए (गैर-निष्पादित पूंजी यानी फंसा हुआ कर्ज) जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के कार्यकाल में 2.5 लाख करोड़ रुपये था वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार में बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये हो गया।
राहुल ने सवालिया लहजे में कहा, 'उन्होंने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ऐसा (नोटबंदी) क्यों किया? उनके 15-20 बड़े उद्योगपति मित्रों ने हजारों करोड़ का एनपीए जमा कर रखा था। इसलिए नोटबंदी के जरिए आपका (आम आदमी का) पैसा आपकी जेब से निकालकर सीधे देश के सबसे बड़े और (सरकार) हितैषी पूंजीपतियों की जेब में डाल दिया गया।'
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उन्होंने कहा कि मोदी के मित्रों ने नवंबर 2016 की नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद किया।
राहुल ने कहा, 'उदाहरण के तौर पर, गुजरात के जिस सहकारी बैंक के निदेशक (बीजेपी अध्यक्ष) अमित शाह हैं, उसमें नोटबंदी के बाद 700 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। इसे कोई जुमला नहीं कहा जा सकता, इसे घोटाला कहा जा सकता है।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'सचमुच प्रधानमंत्री मोदी ने वह किया जो पिछले 70 साल में नहीं हुआ। उन्होंने ऐसा (नोटबंदी के जरिए) करके अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।'
राफेल विमान सौदे को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जेटली लंबे ब्लॉग लिख रहे हैं लेकिन सरकार सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाने की मांग पर चुप क्यों है। उन्होंने कहा, 'जेटली जेपीसी का गठन करने को लेकर प्रधानमंत्री से बात करने से घबराते हैं।'
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उन्होंने कहा, 'राफेल सौदे पर अब हमें कुछ नहीं बोलना है, जेपीसी जांच करे और बताए कि सच्चाई क्या है।'
Source : News Nation Bureau