पंजाब कांग्रेस में कलह के बीच राहुल गांधी ने मोर्चा संभाल लिया है. वह शुक्रवार को दिल्ली में अपने आवास पर राज्य के पार्टी विधायकों से मुलाकात करेंगे. पंजाब से कांग्रेस पार्टी के लगभग ज्यादातर विधायक दिल्ली में राहुल गांधी से मिलकर उनके सामने राज्य में कांग्रेस पार्टी की स्थिति, आगामी चुनाव आदि को लेकर अपनी व्यक्तिगत राय रखेंगे. पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी को खत्म करने के लिए सिलसिलेवार बैठकों के बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार को कहा कि मौजूदा हालात को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच चल रहे विवाद पर किए गए एक सवाल के जवाब में जाखड़ ने कहा, "यह बातचीत और आपसी सहमती का एक हिस्सा है." पंजाब मामलों के प्रभारी कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा कि एक रिपोर्ट सौंप दी गई है, जिसका जवाब 8-10 जुलाई तक कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को देना होगा. वहीं नवजोत सिंह सिद्धू अपना बयान तीन सदस्यीय पैनल को देंगे.
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पैनल का गठन
कांग्रेस पार्टी की पंजाब इकाई में चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है. इस पैनल का गठन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया है. पंजाब कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह उन कुछ राज्यों में से एक है जहां पार्टी सत्ता में है और राज्य में पार्टी के अंदर पड़ रही फूट का परिणाम राज्य के बाहर भी देखने को मिल सकता है. बता दें बीते 22 जून को कांग्रेस हाईकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ लंबी मंत्रणा की थी. दरअसल, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व आगामी विधानसभा चुनाव में जाने से पहले राज्य पार्टी के अंदर गुटबाजी और विरोधाभाषों को खत्म करके चुनावी जंग में एकजुट होकर उतरने की तैयारी की रणनीति पर काम कर रहा है.
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कांग्रेस के लिए पंजाब काफी महत्वपूर्ण
कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी और महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि एक रिपोर्ट सौंप दी गई है, जिसका जवाब 8-10 जुलाई तक मिल जाना चाहिए. विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को तीन सदस्यीय पैनल द्वारा बयान देने के लिए बुलाया जाएगा. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की पंजाब इकाई में गुटबाजी खत्म करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था. कांग्रेस के लिए पंजाब काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन कुछ राज्यों में से एक है जहां पार्टी सत्ता में है. ऐसे में यहां जो कुछ भी होगा उसका राज्य के बाहर भी पार्टी की संभावनाओं पर असर पड़ेगा. राज्य में अगला विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाला है.