यूक्रेन संकट की वजह से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है. भारत सरकार ने यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' के तहत अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. कई केंद्रीय मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में डेरा डाले हुए हैं. एयर इंडिया, स्पाइसजेट जैसी विमानन कंपनियां लगातार उड़ान भर रही हैं, तो भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के बड़े-बड़े विमान हिंदुस्तानियों को वापस अपने वतन लाने के लिए जुट गई हैं. इस बीच राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बीजेपी के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने कमान संभाल ली है. उन्होंने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर तंज कसते हुए कहा कि अब 'वो भी' इस सरकार पर उंगली उठा रहे हैं.
अमित मालवीय के निशाने पर आए राहुल गांधी
अमित मालवीय (Amit Malviya) ने भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 का हवाला दिया. इसके बाद उन्होंने 1977 का हवाला दिया, जब इमरजेंसी के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे और इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) वो चुनाव हार गईं थी. उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) सिविलियन पायलट थे और एयर इंडिया के विमान उड़ा रहे थे. लेकिन युद्ध के समय उन्होंने छुट्टी ले ली. दूसरा जिक्र उन्होंने इंदिरा गांधी के चुनाव हारने के बाद पूरे परिवार के इटैलियन दूतावास में शरण लेने की बात कही है. और फिर तंज कसा है कि मुसीबत के समय जो लोग सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचते हैं, वो इस सरकार पर उंगली उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के मामले में दुनिया के किसी भी देश से बड़ा अभियान चलाया है.
No country has undertaken evacuation in Ukraine on the scale India has.
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 2, 2022
Yet, Rahul Gandhi, whose father, an AI pilot, went on leave during the 1971 war with Pak, then in 1977, when Indira lost power, the family hid in the Italian Embassy, is questioning us on securing Indians!
अमित मालवीय का दावा कितना सही है?
कुछ मीडिया रिपोर्ट अमित मालवीय के दावे को सही करार देते हैं. बता दें कि युद्ध के समय सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाती हैं. चूंकि उस समय एयर इंडिया बड़े पैमाने पर सेना से जुड़ी सप्लाई और सैनिकों की आवाजाही में जुट गई थी. और सभी पायलटों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थी. लेकिन राजीव गांधी उस समय अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटे. इसकी सबसे बड़ी वजह उनका वीवीआईपी होना था. वीवीआईपी से मतलब देश की प्रधानमंत्री का पुत्र होने के नाते उनके विमान को पाकिस्तानी निशाना बना सकते थे. ऐसे में सुरक्षा कारणों से उन्हें छुट्टी पर भेजा गया था. हालांकि बताया ये जाता है कि उस समय राजीव गांधी अपनी पत्नी और पुत्र के साथ देश के बाहर चले गए थे. वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट 1977 की बात पर भी मुहर लगाते हैं. जिसमें कहा जाता है कि चुनावी नतीजों के तुरंत बाद सोनिया गांधी अपने पति और अपने दोनों बच्चों (1972 में प्रियंका जन्मीं) के साथ दिल्ली के चाणक्यपुरी में रातों-रात इटली के दूतावास चली गई थीं. कई प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सोनिया अपने साथ ढेरों बड़े-बड़े बैग और अटैचियां लेकर आई थीं. और इस घटना के बाद संजय गांधी और मेनका गांधी के समझाने-बुझाने के बाद सोनिया वापस अपने घर लौटने को तैयार हुई थीं. हालांकि इन दावों में कितनी सच्चाई है, ये तो सरकार ही बता सकती है.
HIGHLIGHTS
अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर बोला हमला
राहुल गांधी ने बोला था मोदी सरकार पर हमला
मालवीय ने कहा-वो दूसरों पर उंगली...