कांग्रेस वर्किंग कमेटी (Congress Working Committee) की बैठक में जिस तरह पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर सवाल उठाए हैं उससे कांग्रेस (Congress) की खेमेबंदी की बात खुलकर सामने आ गई है. कांग्रेस के जिन नेताओं ने चिट्ठी लिखकर कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे उनके राहुल गांधी नाराज बताए जा रहे हैं. प्रियंका गांधी ने भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और अपने भाई के सुर में सुर मिलाते हुए चिट्ठी की टाइमिंग और मंशा पर सवाल खड़े करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने बैठक में साफ कहा कि जिन लोगों ने चिट्ठी लिखी वो बीजेपी की मदद कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था.
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दरअसल कुछ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखर कांग्रेस (Congress) के भीतर ऊपर से लेकर नीचे तक सुधार के लिए कहा गया है, गांधी परिवार समर्थक लॉबी पत्र के खिलाफ सामने आई है और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस के अंदर कुछ नेता चाहते हैं कि पार्टी की कमान एक बार फिर राहुल गांधी को दे दी जाए. ऐसे में इस गुट के अपने स्वार्थ हैं. इस गुट के लोगों का मानना है कि कांग्रेस का वर्तमान शीर्ष नेतृत्व उनकी लगातार अनदेखी कर रहा है. ऐसे में राहुल को पार्टी की कमान मिलने के बाद उन्हें भी संगठन में कोई पद दिया जा सकता है.
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राहुल के आरोप से बवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के बाद चिट्ठी लिखने वाले एक और नेता कपिल सिब्बल ने राहुल के आरोपों का जवाब ट्विटर पर दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल के दौरान मैंने किसी भी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयानबाजी नहीं की, फिर मुझ पर मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है. उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि अगर आरोप सच साबित होता है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा
Source : News Nation Bureau