निष्पक्षता और पारदर्शी होगा चुनाव
एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए चिदंबरम ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर किसी भी विवाद का कोई अवसर नहीं था और न होगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री का कुछ नेताओं की चिताओं पर अंतिम बयान पहले दिन आता तो विवाद इतना आगे नहीं बढ़ता. हालांकि, उन्होंने कहा कि निर्वाचक मंडल की सूची प्रकाशित करना किसी राजनीतिक दल की प्रथा नहीं है. उन्होंने कहा कि पीसीसी-वार मतदाता सूची संबंधित पीसीसी के कार्यालय में निरीक्षण के लिए उपलब्ध होगी. इसके अलावा एआईसीसी कार्यालय में निरीक्षण के लिए अखिल भारतीय मतदाता सूची भी उपलब्ध करा दी जाएगी.
चुनाव लड़ने वाले देख सकेंगे मतदाता सूची
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक नामांकित उम्मीदवार मतदाता सूची की एक प्रति पाने का हकदार होगा. चिदंबरम ने बताया कि मिस्त्री ने पहले ही इन बिंदुओं को स्पष्ट कर दिया है और सांसदों ने भी इस पर संतुष्टि जाहिर की है. इसके साथ ही यह मामला अब खत्म हो गया है. गौरतलब है कि लोकसभा सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बोरदोलोई और अब्दुल खलीक ने मिस्त्री को पत्र लिखकर मतदाता सूची के मुद्दे पर स्पष्टता मांगी थी, जिस पर पार्टी के चुनाव पैनल प्रमुख ने स्पष्ट किया था कि कोई भी व्यक्ति जो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करना चाहता है, वह 20 सितंबर से एआईसीसी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण कार्यालय में 9,000 से अधिक पीसीसी प्रतिनिधियों की सूची देख सकेंगे.
मीडिया के रवैये पर उठाए सवाल
इस दौरान पी चिदंबरम ने मीडिया के रवैये पर भी सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी या किसी और पार्टी के पार्टी चुनाव होने पर मीडिया ने ऐसे मुद्दों को उठाया था.
उन्होंने कहा कि अगर मेरी याद सही है, तो जेपी नड्डा, और उनसे पहले अमित शाह, राजनाथ सिंह और गडकरी, सभी सर्वसम्मति से चुने गए थे. वहीं. यह पूछे जाने पर कि एआईसीसी अध्यक्ष पद के लिए आम सहमति या चुनाव बेहतर होगा. इसके जवाब में चिदंबरम ने कहा कि चुनाव डिफॉल्ट विकल्प है, "बेहतर रास्ता है. सभी दल इसका पालन करते हैं. लिहाजा, सर्वसम्मति से एक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करना है.
राहुल अध्यक्ष बने या नहीं, पार्टी के सर्वमान्य नेता बने रहेंगे
यह पूछे जाने पर कि क्या गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की अपील पर ध्यान देंगे, चिदंबरम ने कहा कि उन्हें इस सवाल का जवाब नहीं पता है. हालांकि, उन्होंने यह साफ कर दिया कि राहुल गांधी पार्टी के रैंक और प्रोफाइल के हिसाब से सबसे स्वीकृत नेता हैं. वे चाहते हैं कि उन्हें पार्टी का अध्यक्ष भी बनाया जाए. हालांकि, अब तक उन्होंने मना किया है. लेकिन, वह अपना विचार बदल सकते हैं. वहीं, जब उनसे पूछा गया कि गांधी परिवार से बाहर से अध्यक्ष चुने जाने पर गांधी परिवार पार्टी में प्रमुखता के स्थान पर काबिज रह पाएगा? इसके जवाब में चिदंबरम ने कांग्रेस के इतिहास का हवाला दिया और बताया कि 1921 और 1948 के बीच महात्मा गांधी पार्टी के स्वीकृत नेता थे. कांग्रेस और बाद में जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी एक के बाद एक पार्टी के स्वीकृत नेता थे. इनके अलावा, ऐसे कई व्यक्ति थे, जिन्होंने एक या दो या तीन साल तक पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला था. कांग्रेस के इतिहास में ऐसे समय आए हैं, जब नेता और अध्यक्ष एक ही व्यक्ति थे. लंबे समय से नेता और अध्यक्ष अलग-अलग व्यक्ति रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाते हैं, तो वे नेता और अध्यक्ष दोनों होंगे, लेकिन अगर वह अध्यक्ष नहीं बनते हैं, तो वे पार्टी के स्वीकृत नेता बने रहेंगे और अध्यक्ष का पद संभालने वाला कोई और शख्स होगा. चिदंबरम ने कहा कि राहुल गांधी का पार्टी में हमेशा एक प्रमुख स्थान रहेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या गैर-गांधी परिवार के व्यक्ति के पास समान सम्मान और अधिकार होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद अपने साथ एक महान परंपरा और इतिहास, विशाल शक्तियां और बड़ी जिम्मेदारियां रखता है. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाएगा, वह इस अवसर पर इसका लाभ उठाएगा और नेताओं और पार्टी के रैंक और फाइल के बीच सम्मान करेगा.
देश को घृणा, क्रोध और सांप्रदायिक संघर्ष से विभाजित होने की नहीं दी जा सकती है अनुमति
बात करें तो कांग्रेस की कन्याकुमारी से 7 सितंबर को शुरू हुई पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा की. उन्होंने कहा कि पहले दो दिनों में उन्होंने तमिलनाडु में जो देखा, और केरल में अपने सहयोगियों से जो कुछ उन्होंने इकट्ठा किया है, उससे बड़ी संख्या में निष्क्रिय कांग्रेसी और महिलाएं और सहानुभूति रखने वाले अपने घरों से बाहर आए और छोटी या लंबी पदयात्रा में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि सैकड़ों और लोग सड़क किनारे खड़े हो गए और राहुल गांधी और यात्रियों का स्वागत और उत्साहवर्धन किया. इसका मतलब है कि हाथी जाग गया है. इस देश को घृणा या क्रोध या सांप्रदायिक संघर्ष से विभाजित होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. प्यार, सहिष्णुता और बंधुत्व देश के लोगों को एकजुट करेगा. इस तरह की एकता ही आर्थिक और सामाजिक प्रगति का आधार बन सकती है. चिदंबरम ने कहा कि यह संदेश विभाजनकारी और नफरत भरे संदेशों से बहुत अलग है, जो हमने पिछले सात वर्षों में देखा और सुना है. इस मौके पर चिदंबरम ने सौ साल पूर्व तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती द्वारा लिखी गई एक कविता की पंक्तियों का हवाला दिया, जिसका अनुवाद है, "ताकि यह देश एक के रूप में उठे, एक महान कार्य करने के लिए आगे आएं ! आइए! आइए!". उन्होंने कहा, जैसा कि यह संदेश पूरे देश में गूंजता है, यह निश्चित रूप से कांग्रेस को फिर से जीवंत और पुनर्जीवित करेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 सितंबर को जारी होगी अधिसूचना
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी और 24 से 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया होगी. नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है. अगर जरूरत पड़ी तो 17 अक्टूबर को चुनाव होंगे. नतीजे 19 अक्टूबर को आएंगे.
Source : News Nation Bureau