देश में किस कदर बेरोजगारी है उसका अंदाजा रेलवे में उम्मीदवारों के आवेदन से कर सकते हैं. इस साल रेलवे ने अलग-अलग पोस्ट के लिए करीब 1.2 लाख वैकेंसी निकाली, जिसमें 2.34 लाख लोगों ने आवेदन किए. पढ़कर चौंक गए ना, इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया.
लेकिन हैरान आप तब और हो जाएंगे जब ये पता चलेगा कि गनमैन, गार्ड जैसे पोस्ट के लिए मास्टर डिग्री धारक और पीएचडी डिग्री धारक ने भी अप्लाई किया. अलग-अलग तारीख में देश के कोने-कोने में परीक्षा का आयोजन किया गया. इतनी बड़ी संख्या में निकाली गई वैंकेसी और उम्मीदवारों को देखते हुए रेलवे ने खास इंतजाम तो किए थे, लेकिन वो भी कम पड़ गए.
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रेलवे ने एग्जाम के लिए करीब 300 स्पेशल ट्रेनें चलाई. लेकिन इसके बावजूद कितने उम्मीदवार थे जो परीक्षा में नहीं बैठ पाये. इतना ही नहीं कुछ पोस्ट के लिए निकले एग्जाम के दौरान पेपर लीक होने की खबर से परीक्षार्थियों में निराशा का माहौल भी बन गया. उनका कहना है कि वो इतने मेहनत से परीक्षा देने आते हैं लेकिन सिस्टम की कमी की वजह से उन्हें निराशा हाथ लगती है.
रेलवे में अभी 12.5 लाख लोग कार्यरत हैं, जबकि 2 लाख पोस्ट खाली हैं. इनमें से 1.27 लाख पोस्ट को भरने का काम रेलवे इस साल से शुरू कर दिया है. रेलवे ने अलग-अलग पोस्ट के लिए अलग-अलग दिन परीक्षा का आयोजन किया.
रेलवे के एग्जाम के लिए 116 शहरों में 440 सेंटर बनाए गए. रेलवे भर्ती का कुल खर्च 800 करोड़ बताया गया है, जबकि आवेदन के दौरान ली गई शुल्क से रेलवे को 100 करोड़ रुपए का फायदा हुआ. वहीं, अगर रेलवे के सभी खाली सीट भरते हैं तो रेलवे पर 4000 करोड़ का भार बढ़ेगा. गौरतलब है कि रेलवे के लिए सरकार ने साल 2018-19 के लिए 1.48 लाख करोड़ का बजट पास किया है.
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Source : News Nation Bureau