कांग्रेस और भ्रष्टाचार का चोली-दामन का साथ लगता है. यूपीए सरकार इसी मसले पर गंवाने के बावजूद ऐसा लगता है कि कांग्रेस पर करप्शन का दाग आसानी से मिटने वाला नहीं है. अब रेलवे रिश्वतखोरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि तत्कालीन रेल मंत्री और कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल के भतीजे विजय सिंगला ने रेलवे रिश्वत घोटाले के एक आरोपी संदीप गोयल के साथ मंत्री के दिल्ली आवास पर बैठक की थी और उनके लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल भी किया था. यह दावा ईडी ने अपनी चार्जशीट में किया है. ईडी ने ये चार्जशीट पिछले महीने चंडीगढ़ की एक विशेष पीएमएलए अदालत में दायर की है. ईडी ने सीबीआई जांच के हवाले से कहा था कि सिंगला ने एन. मंजूनाथ से संदीप गोयल के जरिए 10 करोड़ रुपये की मांग की थी.
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दिसंबर 2018 में ईडी को अपने बयान में, सिंगला ने कहा कि वह बंसल के आधिकारिक निवास पर गोयल से मिले थे. सिंगला ने यह भी कहा कि वह दिल्ली में बंसल के आवास पर कई बार रहे और उन्होंने उनके आधिकारिक लैंडलाइन फोन का भी इस्तेमाल किया. वित्तीय जांच एजेंसी ने महेश कुमार, रेलवे बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सिंगला, एन. मंजूनाथ, गोयल, अजय गर्ग, राहुल यादव, समीर संधीर, सुशील डागा, सी.वी. वेणुगोपाल, एम.वी. मुरली कृष्ण और वेंकटेश्वर रेल निर्माण प्रा.लि. पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है.
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ईडी का यह मामला कुमार, सिंगला, गोयल और 7 अन्य आरोपियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर की गई एफआईआर और आरोप पत्र पर आधारित है. सीबीआई ने सिंगला को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. वह भारतीय रेलवे सेवा सिग्नल इंजीनियर (आईआरएसएसई)के सदस्य के तौर पर 1975 बैच के सदस्य कुमार की पोस्टिंग के लिए 89.68 लाख रुपये की रिश्वत ले रहे थे. पिछले साल मई में सीबीआई ने 2013 में बंसल के भतीजे सिंगला के कार्यालय से 89 लाख रुपये जब्त किए थे, जो कि रेलवे में शीर्ष पदों पर नियुक्तियों से संबंधित भ्रष्टाचार के थे. उस समय कांग्रेस नेता यूपीए-2 में केंद्रीय रेल मंत्री थे. इस विवाद के बाद बंसल को पद से हटना पड़ा था.