भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने प्रदर्शनकारी किसानों (Punjab Farmer Protest) द्वारा बाधित की गई रेल पटरियों के मामले में पंजाब सरकार (Punjab Government) पर जनता को 'गुमराह' करने का आरोप लगाया. राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में बयान जारी करने के कुछ ही घंटे बाद रेलवे ने यह प्रतिक्रिया दी है. पंजाब सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि राज्य सरकार के मनाने पर 30 से ज्यादा किसान संगठनों ने मालगाड़ियों की आवाजाही के लिए राज्य में पटरियों को शुक्रवार को खाली कर दिया है.
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राज्य सरकार से 100 फीसदी सुरक्षा मंजूरी की जरूरत: वी के यादव, रेलवे बोर्ड अध्यक्ष
राज्य के गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि पंजाब में मालगाड़ियों की अबाध आवाजाही के लिए पूरा रेल नेटवर्क बिल्कुल साफ है. इससे पहले, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने शुक्रवार को कहा था कि पंजाब सरकार प्रदेश में सभी स्थानों पर रेलवे पटरियों को खाली कराने में नाकाम रही है और 22 स्थानों पर इसे खाली कराना अब भी बाकी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में ट्रेन सेवाओं की बहाली के लिये राज्य सरकार से 100 फीसदी सुरक्षा मंजूरी की जरूरत है. यादव ने कहा कि आंशिक रूप से ट्रेन सेवाओं की बहाली संभव नहीं है और (रेल पटरियों) से सभी अवरोधों को निश्चित रूप से हटाया जाना चाहिये. इससे एक दिन पहले यादव ने मीडिया को बताया था कि राज्य सरकार ने सभी रेल पटरियों को शुक्रवार की सुबह तक खाली कराने का आश्वासन दिया है.
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किसान संगठनों ने हाल में पारित कृषि कानूनों के खिलाफ रेलवे पटरियों एवं स्टेशन परिसरों में प्रदर्शन शुरू किया था और इस कारण राज्य में रेल सेवाएं 24 सितंबर से ही निलंबित हैं. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि रेलवे चुनिंदा गाड़ियां नहीं चलायेगी बल्कि सभी सेवाओं को बहाल करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में अब भी 22 स्थानों पर अवरोध की स्थिति है. रेलवे सुरक्षा बल और प्रदेश पुलिस के बीच चंडीगढ़ में कल बैठक हुयी और हमने उन्हें इस बात से अवगत कराया है कि वे हमें सभी ट्रेनों के लिये सुरक्षा मंजूरी दें ताकि हम एक बार में उनका परिचालन शुरू करें.