देश में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है. कुछ दिन के ब्रेक के बाद कहीं न कहीं मौसम का सितम लोगों को झेलना ही पड़ता है. अगर मौसम विभाग की बात करें तो गुरुवार को IMD यानी मौसम विभाग की तरफ से कहा गया कि सितंबर महीने के दौरान मानसून की बारिश ‘सामान्य से अधिक’ होने की उम्मीद है. IMD ने पूरे देश में औसत वर्षा बेंचमार्क ‘लॉन्ग पीरियड एवरेज’ (एलपीए) से अधिक होकर 109 प्रतिशत की सामान्य सीमा से अधिक होने की संभावना जताई है.
देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की आशंका
मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर महीने में देश के दक्षिण, पश्चिम और मध्य क्षेत्रों में ‘सामान्य’ या ‘सामान्य से अधिक’ बारिश हो सकती हैं तो वहीं इसी माह पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में ‘सामान्य से कम’ बारिश की आशंका है. मौसम विभाग के मुताबिक, पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक सामान्य वर्षा की संभावना है. आपको बता दें कि IMD ने पूरे देश में औसत वर्षा बेंचमार्क ‘लॉन्ग पीरियड एवरेज’ (एलपीए) से अधिक होकर 109 प्रतिशत की सामान्य सीमा से अधिक होने की संभावना है.
धान की बुवाई प्रभावित
मौसम विभाग ने बताया कि देश के पूर्वी क्षेत्रों में कम वर्षा के कारण एक सप्ताह पहले तक चल रहे खरीफ मौसम में धान की बुवाई 36.67 मिलियन हेक्टेयर (एमएच) दर्ज की गई थी, ये बुवाई एक साल पहले की तुलना में 6 प्रतिशत कम हुई थी. गौरतलब है कि साल 2016-17 से 2020-21 के बीच धान की औसत बुवाई सालाना 39.7 मिलियन हेक्टेयर थी. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल खरीफ फसलों- धान, दलहन, तिलहन, कपास और पोषक-अनाज आदि की बुवाई एक सप्ताह पहले 104.5 मिलियन हेक्टेयर थी, जबकि एक साल पहले यह 106.1 मिलियन हेक्टेयर थी. पिछले साल की तुलना में दालों की बुवाई 5 फीसदी कम क्षेत्र में हुई है, जबकि तिलहन की बुवाई में एक साल पहले की तुलना में मामूली कमी आई है. कपास की बुवाई अब तक 6 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि गन्ने की बुवाई में पिछले साल की तुलना में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
Source : Arun Kumar