जम्मू-कश्मीर (Jammu- Kashmir) और हिमाचल प्रदेश में रविवार को भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई. यहां पर लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश के कारण कठुआ और सांबा जिलों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया. मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार की सुबह कई इलाकों से नदियों और झरनों में जलस्तर खतरे के निशान को पार करने के बाद अलर्ट जारी किया है. वहीं चेनाब में भी जलस्तर खतरे के निशान से अधिक पहुंच चुका है. यहां पर लैंडस्लाइड के कारण चंडीगढ़ मनाली हाइवे का एक हिस्सा पानी में बह गया.
मौसम विभाग के अनुसार, बाढ़ का खतरा बढ़ने की वजह से इलाके के लोगों को 24 घंटे के अंदर सतर्क रहने की सलाह दी गई है. रेड अलर्ट का अर्थ है कि 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश. वहीं भारी बारिश के दौरान ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. इस अर्थ है कि छह से 20 सेंटीमीटर की भारी बारिश होना.
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दरअसल जम्मू कश्मीर के कठुआ, रामबन, डोडा और उधमपुर जिलों के कुछ क्षेत्रों में शनिवार को रातभर बरसात हुई. बताया जा रहा है कि 10 जुलाई के बाद यहां पर स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है. यहां के प्रशासन के अनुसार, चेनाब, रावी, तावी और नीरू सहित लगभग सभी नदियां उफान पर हैं. इनमें पानी खतरे के निशान को पार कर गया है. हालांकि बाढ़ से किसी को नुकसान होने की कोई खबर नहीं है.
#WATCH | Himachal Pradesh: Several cars washed away in floods caused by heavy rainfall in the Kasol area of Kullu
— ANI (@ANI) July 9, 2023
(Source: Video shot by locals, confirmed by Police) pic.twitter.com/61WsXg08QN
वहीं हिमाचल की बात करें तो भारी बारिश की वजह से राज्य के कई जिलों में बहने वाली ब्यास नदी उफ़ान पर है. कई इलाकों में भूस्खलन की रिपोर्ट दर्ज की गई है. बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ मनाली हाइवे पर सड़क का एक भाग ब्यास के उफ़नते पानी के साथ बह गया. वहीं कुल्लू-मनाली रोड पर पत्थर गिरने के कारण यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गया. भूस्खलन और बादल फटने के कारण शिमला, सिरमौर, लाहौल और स्पिति, चंबा और सोलन जिलों में कई सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ.
HIGHLIGHTS
- चंडीगढ़ मनाली हाईवे का एक हिस्सा पानी में बह गया
- चेनाब, रावी, तावी और नीरू सहित सभी नदियां उफान पर हैं
- कुल्लू-मनाली रोड पर पत्थर गिरने के कारण यातायात प्रभावित