राजस्थान मंत्रिमंडल में यूं हुआ जातिगत समीकरण साधने का प्रयास, पढ़ें A to Z सभी महत्वपूर्ण बातें

मंत्रिपरिषद में 23 में से 18 ऐसे हैं विधायक हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं.

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Sunil Chaurasia
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राजस्थान मंत्रिमंडल में यूं हुआ जातिगत समीकरण साधने का प्रयास, पढ़ें A to Z सभी महत्वपूर्ण बातें

ANI

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दिल्ली में चले तीन दिन के मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस सरकार की मंत्रिपरिषद तय हो गई है. सीएम अशोक गहलोत की मंत्रिपरिषद का सोमवार सुबह 11.30 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण हुआ. गहलोत मंत्रिपरिषद में कुल 23 मंत्रियों ने शपथ ली, इनमें से 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री की शपथ ली. राज्यपाल कल्याण सिंह ने अशोक गहलोत के कैबिनेट को शपथ दिलाई. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मौजूद रहे.

मंत्रिपरिषद में 23 में से 18 ऐसे हैं विधायक हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं. पुरानी कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहे केवल पांच विधायकों को ही इस बार भी मंत्री बनाया जा रहा है. मंत्रिपरिषद में राष्ट्रीय लोकदल पार्टी टिकट पर भरतपुर से जीते एकमात्र विधायक सुभाष गर्ग को भी राज्य मंत्री बनाया गया है.

ये हैं 13 विधायक जिन्होंने कैबिनेट मंत्री की ली शपथ-
बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, परसादीलाल मीणा, मास्टर भंवर लाल, लालचंद कटारिया, रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया, विश्वेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास, सालेह मोहम्मद

इन 10 विधायकों ने ली राज्य मंत्री पद की शपथ-
गोविंद सिंह डोटासरा, ममता भुपेश, अर्जुन बामणिया, भंवर सिंह भाटी, सुखराम बिश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जुली, भजनलाल जाटव, राजेन्द्र सिंह यादव और सुभाष गर्ग.

23 मंत्रियों में से 18 पहली बार बनें मंत्री जबकि पुराने मंत्रियों में से महज 5 चेहरे ही शामिल रहे. राज्य मंत्रियों में सभी नए चेहरे हैं. बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, परसादीलाल मीणा, मास्टर भंवर लाल, प्रमोद जैन भाया को छोड़कर सभी नए चेहरे हैं. सभी राज्य मंत्री पहली बार मंत्री बन रहे हैं. 13 की कैबिनेट में 8 नए चेहरे हैं जो पहली बार मंत्री बन रहे हैं.

मंत्रिपरिषद में एससी, एसटी, जाट और जैन-वैश्य समुदाय को खास तरजीह दी गई. जबकि कई समाज के नेताओं को प्रतिनिधित्व बनने का मौका नहीं मिला. मंत्रिपरिषद के चयन में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कवायद की गई है. मंत्रियों में जाट समाज से 4, एससी समुदाय से 4, एसटी से 4, जैन-वैश्य समुदाय से 3, राजपूत समाज से 2 मंत्री बनाए गए हैं. इसके अलावा विश्नोई, यादव, गुर्जर
और आंजना-पटेल समाज से 1-1 नेता को मंत्री बनाया गया है. मुस्लिम समुदाय से भी एक विधायक को मंत्री बनाया है. हालांकि पंजाबी, जट्ट सिख, प्रजापत समाज से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है.

क्षेत्रीय आधार पर-
गहलोत मंत्रिपरिषद में जयपुर, भरतपुर से तीन-तीन मंत्री, हाड़ौती से तीन जबकि बीकानेर को मिलाकर मारवाड़ से चार मंत्री बनाए गए हैं. गहलोत मंत्रिपरिषद में इस बार जयपुर और भरतपुर जिले का दबदबा है. भरतपुर जिले से विश्वेंद्र सिंह, भजनलाल जाटव और सुभाष गर्ग मंत्री बने हैं. जबकि जयपुर जिले से प्रताप सिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया और राजेंद्र यादव मंत्री बने हैं. मारवाड़ से हरीश चौधरी, सालेह मोहम्मद, बीडी कल्ला, भवंर सिंह भाटी मंत्री बने हैं. गोडवाड़ इलाके से सुखराम बिश्नोई एकमात्र मंत्री हैं. शेखावाटी को इस बार कम तरजीह
मिली है, सीकर जिले से केवल गोविंद सिंह डोटासरा और चूरू से मास्टर भंवरलाल को जगह मिली है. मेवात इलाके से केवल टीकाराम जूली को मंत्री बनाया है. मेवाड़ और बागड़ से क्रमश: उदयलाल आंजना और अर्जुन बामणिया को मंत्री बनाया है.

12 जिलों के किसी भी नेता को नहीं बनाया मंत्री-
जोधपुर से खुद सीएम अशोक गहलोत और टोंक से डिप्टी सीएम सचिन पायलट को छोड़ किसी को मंत्री नहीं बनाया है. नागौर, झुंझुनू, जोधपुर, पाली, सिरोही, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, पाली, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक से कोई मंत्री नहीं बना है.

गहलोत मंत्रिपरिषद में केवल एक महिला विधायक को मंत्री बनाया गया है. सिकराय से विधायक ममता भूपेश एकमात्र महिला मंत्री के रूप में शपथ ली हैं. ममता भूपेश पहले पिछली गहलोत सरकार में ससंदीय सचिव भी रह चुकी हैं. पोखरण से विधायक सालेह मोहम्म्द गहलोत सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरा हैं.

Source : News Nation Bureau

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